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Bihar Vidhansabha chunav 2025: गायघाट में आज एनडीए का शक्ति प्रदर्शन! ललन सिंह, नित्यानंद राय और केशव मौर्य करेंगे रैली का नेतृत्व

 
Bihar Vidhansabha chunav 2025: गायघाट में आज एनडीए का शक्ति प्रदर्शन! ललन सिंह, नित्यानंद राय और केशव मौर्य करेंगे रैली का नेतृत्व

Bihar vidhansabha chunav 2025:: दीपावली की चमक-दमक के बाद अब बिहार की सियासत पूरी तरह चुनावी रंग में रंग चुकी है। हर दल अपने दिग्गज नेताओं को मैदान में उतार चुका है, और अब मुजफ्फरपुर की गायघाट विधानसभा सीट राजनीतिक चर्चाओं का नया केंद्र बन गई है। आज यहां एनडीए की एक विशाल जनसभा होने जा रही है, जिसमें गठबंधन के कई बड़े चेहरे एक मंच पर दिखाई देंगे।

गायघाट के बंद्रा प्रखंड के रतवारा गाँव स्थित श्यामा बुनियादी स्कूल मैदान में यह जनसभा आयोजित की जा रही है। मंच पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मौजूद रहेंगे। ये सभी नेता एनडीए प्रत्याशी के समर्थन में जनता से सीधा संवाद करेंगे और माहौल को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे|

‘हॉट सीट’ बनी गायघाट विधानसभा – कोमल सिंह और निरंजन राय में सीधी टक्कर

इस बार गायघाट का मुकाबला काफी रोचक हो गया है। जदयू ने इस सीट से कोमल सिंह को उम्मीदवार बनाया है जो जदयू एमएलसी दिनेश सिंह की पुत्री और वैशाली की सांसद बीना देवी की करीबी मानी जाती हैं। वहीं महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव ने मौजूदा विधायक निरंजन राय पर एक बार फिर भरोसा जताया है। यही वजह है कि गायघाट अब ‘हॉट सीट’ के रूप में उभरकर सामने आई है।

रैली में भारी भीड़, सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम

रतवारा गाँव में सुबह से ही लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया है। आसपास के ग्रामीण इलाक़ों से समर्थकों का काफ़िला लगातार जनसभा स्थल की ओर बढ़ रहा है। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतज़ाम किए हैं- पुलिस बल, बैरिकेडिंग और ड्रोन मॉनिटरिंग तक की व्यवस्था की गई है।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि एनडीए के बड़े नेताओं की मौजूदगी गायघाट के समीकरणों में नया मोड़ ला सकती है। अगर रैली उम्मीद के मुताबिक भीड़ जुटाने में कामयाब रही, तो इसका सीधा असर मतदान पर देखने को मिल सकता है।

सियासी गर्मी चरम पर – 6 नवंबर को जनता करेगी फैसला

फिलहाल दोनों पक्ष पूरी ताक़त झोंक चुके हैं। एनडीए जहां शक्ति प्रदर्शन के ज़रिए अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है, वहीं महागठबंधन जनता के बीच ‘जनसेवा’ और ‘विकास’ का मुद्दा उठाकर मैदान में डटा है। अब देखना यह है कि क्या एनडीए की यह रैली कोमल सिंह के पक्ष में हवा बना पाती है, या निरंजन राय अपनी पुरानी पकड़ बरकरार रखेंगे।

गायघाट की सियासी जलेबी इस वक्त जितनी मीठी है, उतनी ही पेचीदा भी, और इसका असली स्वाद 6 नवंबर को जनता के वोट से तय होगा।