बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एनडीए का संकल्प पत्र जारी, रोजगार, महिलाएं और शिक्षा बने मुख्य एजेंडा
Bihar Political news: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच शुक्रवार को होटल मौर्या, पटना से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपना चुनावी संकल्प पत्र जारी कर दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान और हम प्रमुख जीतन राम मांझी की मौजूदगी में पेश किए गए इस संकल्प पत्र में बिहार को “विकसित और आत्मनिर्भर राज्य” बनाने का वादा किया गया है।
रोजगार और महिला सशक्तिकरण पर बड़ा दांव
घोषणापत्र के मुताबिक, एनडीए ने 1 करोड़ से अधिक नौकरियों और रोजगार के अवसर सृजित करने का वादा किया है। इसके साथ ही गठबंधन ने 1 करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य तय किया है। महिलाओं को ₹2 लाख तक की सहायता राशि और “मिशन करोड़पति” योजना के तहत उद्यमिता को प्रोत्साहन देने की बात कही गई है। शिक्षा के मोर्चे पर गरीब परिवारों के बच्चों को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा देने की घोषणा की गई है। हर जिले में मॉडल स्कूल, आवासीय विद्यालय और आधुनिक स्किल लैब स्थापित करने का भी वादा किया गया है।
किसानों और मजदूरों के लिए नई पहल
एनडीए ने किसानों के लिए ‘कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि’ की घोषणा की है, जिसके तहत हर किसान परिवार को सालाना ₹9,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी, ₹1 लाख करोड़ के एग्री-इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश, और मत्स्य व दुग्ध मिशन के ज़रिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने का खाका पेश किया गया है।
अति पिछड़े वर्गों और सामाजिक न्याय की दिशा में वादे
एनडीए ने तांती, निषाद, केवट, बिंद, नोनिया, मल्लाह, तेली, कुम्हार, लोहार जैसे अति पिछड़े समुदायों के लिए ₹10 लाख की आर्थिक सहायता योजना की घोषणा की है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का वादा किया गया है, जो इन जातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करेगी।
औद्योगिक निवेश और रोजगार आधारित विकास
घोषणापत्र में बिहार को ‘इंडस्ट्रियल पावरहाउस’ बनाने की महत्वाकांक्षी योजना पेश की गई है| “विकसित बिहार औद्योगिक मिशन” के तहत ₹1 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। हर जिले में फैक्ट्री, 10 नए औद्योगिक पार्क, और आईटी, सेमीकंडक्टर व डिफेंस कॉरिडोर जैसे प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही बिहार को ग्लोबल बैक-एंड हब के रूप में विकसित करने और ₹50 लाख करोड़ तक का निवेश आकर्षित करने की योजना का खाका पेश किया गया है।
शहरी विकास, मेट्रो और धार्मिक पर्यटन का विज़न
एनडीए ने अगले पांच वर्षों में पटना, गया, दरभंगा और भागलपुर में मेट्रो सेवा शुरू करने की घोषणा की है। इसके अलावा मां जानकी मंदिर को विश्वस्तरीय धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करते हुए ‘सीतापुरम’ नामक आध्यात्मिक नगरी बनाने की योजना भी घोषणापत्र का हिस्सा है।
गरीबों के लिए ‘पंचामृत’ गारंटी
गठबंधन ने गरीबों के लिए पांच प्रमुख गारंटी दी हैं:
1. मुफ्त राशन
2. 125 यूनिट मुफ्त बिजली
3. ₹5 लाख तक मुफ्त इलाज
4. 50 लाख पक्के मकान
5. सामाजिक सुरक्षा पेंशन
बाढ़ प्रबंधन और संस्कृति पर भी फोकस
बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए ‘फ्लड रेज़िलिएंस बोर्ड’ गठित करने की घोषणा की गई है, जो जल संरक्षण और मत्स्य पालन को साथ जोड़कर स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा।
कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ‘शारदा सिन्हा कला एवं सांस्कृतिक विश्वविद्यालय’ और ‘बिहार फिल्म सिटी’ की स्थापना की योजना भी शामिल की गई है।
राजनीतिक संकेत और विपक्ष की चुनौती
घोषणापत्र जारी करने के बाद मंच से नीतीश कुमार, जेपी नड्डा, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी तुरंत प्रचार अभियान के लिए निकल गए। मीडिया से मुखातिब होते हुए उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा-“यह घोषणापत्र सिर्फ वादों का नहीं, बल्कि विश्वास का दस्तावेज़ है। बिहार अब पिछड़ेपन से निकलकर विकास की राह पर तेज़ी से आगे बढ़ेगा।”
इस बीच विपक्षी महागठबंधन पहले ही 28 अक्टूबर को अपना घोषणापत्र जारी कर चुका है। तेजस्वी यादव ने कहा था “हमारा हर वादा एक संकल्प है, जिसे निभाने के लिए हम अपनी पूरी ताकत लगा देंगे।”
अब जब दोनों गठबंधनों ने अपनी नीतियां जनता के सामने रख दी हैं, तो बिहार की राजनीति में यह जंग वादों बनाम विश्वास, संकल्प बनाम प्रण की शक्ल ले चुकी है।
निर्णय अब जनता के हाथ में है कि कौन अपने वादों को हकीकत में बदल पाता है।







