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Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव का बड़ा चुनावी ऐलान- सरकार बनी तो बहाल होगी पुरानी पेंशन योजना (OPS)

महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया ऐलान, बोले – “शिक्षक, पुलिसकर्मी और स्वास्थ्यकर्मी को मिलेगा सीधा लाभ”
 
Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव का बड़ा चुनावी ऐलान- सरकार बनी तो बहाल होगी पुरानी पेंशन योजना (OPS)

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब अपने निर्णायक दौर में है। पहले चरण के मतदान से पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज़ है। प्रचार का शोर आज शाम 5 बजे थमने से पहले महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने सोमवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बड़ा चुनावी दांव खेला।

तेजस्वी ने साफ शब्दों में कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है, तो राज्य में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme - OPS) को फिर से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा-“हमारी सरकार आने पर OPS बहाल होगी। इससे लाखों सरकारी शिक्षकों, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों को राहत मिलेगी।” यह ऐलान चुनाव के आखिरी चरण में सरकारी कर्मचारियों के वोट बैंक को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या है पुरानी पेंशन योजना (OPS)?

पुरानी पेंशन योजना 2004 से पहले तक केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू थी। यह एक ऐसी योजना थी जिसमें सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी दी जाती थी। कर्मचारी को उसकी अंतिम बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलता था और हर छह महीने में उस पर महंगाई भत्ता (DA) जोड़ा जाता था।

इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि
    •    कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं होती थी।
    •    पेंशन सीधे सरकारी ट्रेजरी से दी जाती थी।
    •    जीपीएफ (General Provident Fund) की सुविधा मिलती थी।
    •    ब्याज पर कोई आयकर नहीं लगता था।

यानी यह योजना पूरी तरह सरकारी सुरक्षा कवच मानी जाती थी।

OPS क्यों खत्म की गई थी?

दिसंबर 2003 में केंद्र सरकार ने OPS को बंद कर दिया और 1 जनवरी 2004 से NPS (National Pension System) लागू कर दिया। NPS में कर्मचारी और सरकार दोनों को एक तय प्रतिशत योगदान देना पड़ता है, लेकिन इसमें पेंशन की राशि निश्चित नहीं होती, बल्कि शेयर बाजार और निवेश के रिटर्न पर निर्भर करती है। यही वजह है कि धीरे-धीरे सरकारी कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता गया और OPS की बहाली की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी।

OPS बहाली की मांग और राज्यों का रुख

पिछले कुछ वर्षों में कई राज्यों- जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और पंजाब ने OPS को फिर से लागू करने की घोषणा की है। केंद्र ने भले ही OPS को पूरी तरह बहाल नहीं किया हो, लेकिन 2025 में UPS (Unified Pension Scheme) नामक एक नया मॉडल पेश किया गया है, जो निश्चित पेंशन का दावा करता है।

बिहार में OPS का मुद्दा चुनावी बहस का हिस्सा बन चुका है। अब तेजस्वी यादव के इस ऐलान ने विपक्षी दलों, खासकर बीजेपी और जेडीयू के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।

तेजस्वी का चुनावी संदेश- “हम करेंगे वादे पूरे”

तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार विकास और भरोसे की राजनीति पर खड़ी होगी। उन्होंने कहा- “हमने जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करेंगे। हमारी नीति साफ है, वादा वही जो निभाया जा सके।”

उनका यह बयान न केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत की उम्मीद है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि महागठबंधन का फोकस अब रोजगार और सामाजिक सुरक्षा पर है।

राजनीतिक माहौल में OPS बना बड़ा मुद्दा

बिहार में पहले चरण के प्रचार के अंतिम दिन OPS की घोषणा ने माहौल को पूरी तरह बदल दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम महागठबंधन के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है, खासकर उन जिलों में जहां सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों की बड़ी आबादी है।

अब देखना यह है कि तेजस्वी यादव का यह दांव मतदाताओं के दिल जीत पाएगा या नहीं, क्योंकि मुकाबला अब सीधा विकास बनाम विश्वास के बीच जा चुका है।