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Bihar Election 2025: निष्पक्ष चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने कसी कमर, प्रवर्तन एजेंसियों संग बनाई सख्त रणनीति

 
Bihar Election 2025: निष्पक्ष चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने कसी कमर, प्रवर्तन एजेंसियों संग बनाई सख्त रणनीति

Bihar news: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। मतदाताओं को किसी भी तरह के लालच, दबाव या प्रलोभन से बचाने के लिए आयोग अब कड़े निगरानी तंत्र और सख्त कानून व्यवस्था की रणनीति पर काम कर रहा है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को आयोग ने प्रवर्तन एजेंसियों और सुरक्षा बलों के शीर्ष अधिकारियों की एक अहम बैठक बुलाई।

बैठक में बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वर्चुअल माध्यम से शामिल होंगे। चुनाव आयोग का उद्देश्य साफ है- चुनावी अवधि में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि, काले धन के प्रयोग या गैरकानूनी लेन-देन पर रोक लगाना।

अवैध धन और तस्करी पर सख्त निगरानी

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में इस बात पर खास जोर रहेगा कि विभिन्न एजेंसियों के बीच सूचना साझा करने और समन्वय को मजबूत किया जाए। खासकर उन मामलों में जो आर्थिक अपराध, नकदी के अवैध प्रवाह, शराब, नशीले पदार्थ, सोना और नकली नोटों की तस्करी से जुड़े हों। निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि इस बार किसी भी प्रकार की ढिलाई या अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सीमा क्षेत्रों पर विशेष नजर

बिहार की नेपाल से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा को आयोग ने विशेष निगरानी वाले इलाकों में रखा है। ऐतिहासिक रूप से ये क्षेत्र अवैध नकदी और शराब की आवाजाही के लिए संवेदनशील माने जाते हैं। इसीलिए सीमा पर तैनात एजेंसियों एसएसबी, बीएसएफ, कस्टम्स और इंटेलिजेंस यूनिट्स को विशेष अलर्ट पर रखा गया है। आयोग की योजना है कि हर जिले में इंटर-एजेंसी टास्क फोर्स गठित की जाए, जो वास्तविक समय पर संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करे।

दो चरणों में होगा मतदान

बिहार में इस बार चुनाव दो चरणों में होंगे 
पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को। जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी। इन तिथियों के बीच सुरक्षा बलों की तैनाती और संवेदनशील बूथों की पहचान की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

लोगतंत्र की साख दांव पर

निर्वाचन आयोग का मानना है कि निष्पक्ष चुनाव सिर्फ प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की साख का सवाल है। इसलिए मतदाताओं को सुरक्षित, भयमुक्त और पारदर्शी माहौल में मतदान का अधिकार देना सर्वोच्च प्राथमिकता है। आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

बिहार की राजनीतिक फिजा में अब जब चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर है, निर्वाचन आयोग का यह कदम यह संदेश देता है कि इस बार “धनबल और बाहुबल” नहीं, बल्कि “जनबल और विश्वास” की जीत सुनिश्चित करनी है।