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बिहार चुनाव में हर तीसरा कैंडिडेट क्रिमिनल, भाजपा से कांग्रेस तक दागी उम्मीदवारों को टिकट, राजद टॉप पर

 
बिहार चुनाव में हर तीसरा कैंडिडेट क्रिमिनल, भाजपा से कांग्रेस तक दागी उम्मीदवारों को टिकट, राजद टॉप पर

Bihar Political news: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सभी राजनीतिक दलों द्वारा साफ-सुथरी छवि और बेहतर कानून-व्यवस्था वाली सरकार देने के दावों पर एक बड़ी रिपोर्ट ने सवालिया निशान लगा दिया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच द्वारा जारी इस चौंकाने वाली रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के चुनावी मैदान में उतरे हर तीसरे उम्मीदवार पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट में साफ बताया गया है कि दागियों को टिकट देने में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सबसे आगे है, लेकिन बीजेपी, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। यह रिपोर्ट उम्मीदवारों द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामों पर आधारित है।

हर तीसरा कैंडिडेट दागी, गंभीर मामले भी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के लिए कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं। ADR और बिहार इलेक्शन वॉच ने इन सभी उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कुल 1,314 उम्मीदवारों में से 423 कैंडिडेट (यानी 32%) ने अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों का ब्यौरा दिया है। 

इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि 1,314 में से 354 उम्मीदवारों पर तो गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। गंभीर मामलों की फेहरिस्त में 33 उम्मीदवारों ने हत्या से जुड़े मामलों की जानकारी दी है। इसी तरह हत्या की कोशिश के आरोप 86 उम्मीदवारों पर हैं। महिला अपराध से जुड़े मामले 42 उम्मीदवारों पर दर्ज हैं, जिनमें से 2 ने खुद पर दुष्कर्म के आरोपों की जानकारी दी है। यह रिपोर्ट बताती है कि राजनीतिक दलों के दावे चाहे जो भी हों, उनकी प्राथमिकता आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को टिकट देना रही है।

पार्टीवार क्रिमिनल रिकॉर्ड: राजद सबसे आगे

दागी उम्मीदवारों को टिकट देने के मामले में लगभग सभी पार्टियां एक जैसी ही स्थिति में हैं। हालांकि, आरजेडी इस लिस्ट में प्रमुखता से ऊपर है। आंकड़े बताते हैं कि राजद ने अपने 70 उम्मीदवारों में से 76% को टिकट दिए हैं, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बीजेपी और कांग्रेस भी 65% दागियों के साथ इस सूची में ऊंची जगह पर हैं। यहां तक कि लेफ्ट पार्टियों (CPI और CPI ML) का भी यही हाल है, जहां CPI के 100% और CPI ML के 93% उम्मीदवारों पर आपराधिक केस दर्ज हैं। जदयू (JDU) इस लिस्ट में सबसे कम 39% के साथ है। बिहार के बाहर जनाधार वाली पार्टियों जैसे बहुजन समाज पार्टी (BSP) के 20% और आम आदमी पार्टी (AAP) के 27% उम्मीदवारों पर भी क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

40 फीसदी उम्मीदवार हैं करोड़पति

ADR की रिपोर्ट में उम्मीदवारों की आर्थिक स्थिति पर भी अहम जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, बिहार चुनाव लड़ रहे 1303 उम्मीदवारों में से 519 उम्मीदवार करोड़पति हैं। यह संख्या कुल उम्मीदवारों का लगभग 40% है। शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो 519 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने 5वीं से 12वीं तक की पढ़ाई की है, जबकि 651 कैंडिडेट्स ने ग्रेजुएशन या उससे ऊपर की पढ़ाई की है। इस रिपोर्ट के बाद, बिहार चुनाव में एक बात तो साफ है कि चाहे वह राजद, लेफ्ट, बीजेपी, कांग्रेस हो या फिर सुराज का वादा करने वाली जन सुराज पार्टी क्रिमिनल केस वाले उम्मीदवारों को जमकर टिकट मिले हैं। अब सवाल यह है कि क्या बिहार की जनता 'साफ छवि' के नारों को दरकिनार कर इन 'दागी' उम्मीदवारों को मौका देगी?