नीतीश कुमार को बड़ा झटका : जदयू के दो वरिष्ठ नेताओं ने छोड़ी पार्टी, एक हुए जन सुराज में शामिल
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल अपने चरम पर है। पहले चरण का नामांकन पूरा हो चुका है और दूसरे चरण का नामांकन भी कल समाप्त होने वाला है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। जनता दल (यूनाइटेड) के दो वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर जदयू नेतृत्व को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है।
पूर्व विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, जबकि पूर्व विधायक अशोक कुमार ने टिकट कटने से नाराज़ होकर जदयू से नाता तोड़ लिया है। दोनों नेताओं के इस्तीफे के बाद जदयू के भीतर असंतोष की आवाज़ और तेज़ हो गई है।
संजीव श्याम सिंह अब जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार
जदयू छोड़ने के बाद संजीव श्याम सिंह ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया है। वे अब गुरुआ विधानसभा सीट से जन सुराज पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। शनिवार को पटना स्थित शेखपुरा हाउस में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने उन्हें पार्टी का सिंबल सौंपा।
संजीव श्याम सिंह ने कहा, राजनीति मेरे लिए जनसेवा का माध्यम है। गुरुआ की जनता बदलाव की प्रतीक रही है, और मैं पूरी निष्ठा के साथ जनता के विश्वास पर खरा उतरूंगा।
पार्टी नेतृत्व पर लगाया उपेक्षा का आरोप
अपने इस्तीफा पत्र में संजीव श्याम सिंह ने सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए लिखा कि वे समता पार्टी के गठन से ही नीतीश कुमार के साथ जुड़े रहे हैं। उन्होंने दो बार शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य के रूप में कार्य किया, लेकिन पिछले एक वर्ष से अतरी विधानसभा से चुनाव की तैयारी करने के बावजूद पार्टी ने अंतिम समय में उनकी अनदेखी की।
उन्होंने लिखा, पार्टी ने मेरी प्रतिबद्धता और वर्षों की निष्ठा का सम्मान नहीं किया। अंतिम समय में मेरी सीट किसी और को दे दी गई। यह मेरे साथ धोखा था, इसलिए अब पार्टी में बने रहने का कोई कारण नहीं।
जदयू के लिए बढ़ी दक्षिण बिहार में चुनौती
संजीव सिंह का जन सुराज पार्टी में शामिल होना जदयू के लिए दक्षिण बिहार में एक नई चुनौती बनकर उभरा है। गुरुआ और आसपास के इलाकों में उनकी पकड़ मज़बूत मानी जाती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम जन सुराज पार्टी को उस क्षेत्र में ज़मीन दिलाने में मदद कर सकता है, जहां अब तक उसका सीमित प्रभाव रहा है।
वहीं, पूर्व विधायक अशोक कुमार का इस्तीफा भी जदयू के लिए आंतरिक असंतोष का संकेत है। पार्टी के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर नाराज़गी खुलकर सामने आ रही है, जो चुनाव से पहले नीतीश कुमार के लिए सिरदर्द साबित हो सकती है।







