Movie prime

बिहार चुनाव के बीच चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान- दूसरे फेज में 12 राज्यों में होगा SIR

 
बिहार चुनाव के बीच चुनाव आयोग का बड़ा ऐलान- दूसरे फेज में 12 राज्यों में होगा SIR

Bihar chunav 2025: देश के 12 राज्यों में अब SIR का दूसरा चरण शुरू होगा. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में इस प्रक्रिया से उत्साहजनक नतीजे मिले हैं. जिसके बाद अब 12 और राज्यों में इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है. उन्होंने इस अभियान में सहयोग देने के लिए बिहार के मतदाताओं का आभार जताया है.

Table

देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस वार्ता में घोषणा की कि बिहार के बाद अगले चरण में 12 राज्यों और केन्द्रशासित क्षेत्रों में विशेष तीव्र पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज मध्यरात्रि से उन राज्यों में मतदाता सूची ‘फ्रीज़’ कर दी जाएंगी, जहां पर अब SIR होगा. यानी कि प्रक्रिया पूरी होने तक अब उन राज्यों में न तो नाम जोड़े जा सकेंगे और न ही उनमें कोई बदलाव हो सकेगा. 

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया अब जिन राज्यों में SIR होगा. वहां पर प्रत्येक पात्र मतदाता का आधार और पहचान सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए बूथ-स्तर पर अधिकारी बीएलओ पैनल तैयार करके अपने-अपने क्षेत्र में सर्वे करेंगे. जबकि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ERO (Electoral Registration Officer) यही काम करेंगे. इस सर्वे के दौरान पुरानी सूची से नए नामों का मिलान करके गलत/अमान्य नाम हटा दिए जाएंगे. 

अब किन राज्यों में होगी यह प्रक्रिया?

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अगले कुछ सप्ताह में मुख्य चुनाव आयुक्त उन 12 राज्यों/संघ-शासित प्रदेशों के नाम सार्वजनिक करेगा, जहां पर अब अगले चरण में SIR लागू होना है. हालांकि राज्य स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि वे अपनी तैयारी शुरू कर दें. डेटा मैपिंग, बूथ स्तर प्रशिक्षण और सामग्री तैयार रखें. ECI ने कहा है कि यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू की जाएगी.

इन राज्‍यों में होगा एसआईआर 

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ज्ञानेंश कुमार ने कहा कि अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्ष्‍यद्वीप, मध्‍य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्‍थान, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल में एसआईआर का ऐलान किया है.

क्‍यों जरूरी SIR, मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने बताया 

चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूची की शुद्धिकरण का काम 21 साल पहले 2002-04 में हुआ था. उन्होंने कहा कि इतने सालों में वोटर लिस्ट में कई बदलाव जरूरी हो जाते हैं. लोगों का पलायन होता है. इससे एक से ज्यादा जगह वोटर लिस्ट में नाम रहता है. निधन के बाद भी कई लोगों को नाम लिस्ट में रह जाता है. यही कारण है कि वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण जरूरी होता है. बिहार में इसी के मद्देनजर पहला चरण पूरा किया गया.