दानापुर से फिर मैदान में उतरेंगे रीतलाल यादव, जेल से नामांकन की तैयारी तेज
Bihar Election 2925: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक बड़ी खबर सामने आई है। दानापुर विधानसभा सीट से राजद विधायक रीतलाल यादव एक बार फिर चुनावी अखाड़े में उतरने जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने उन्हें दोबारा दानापुर सीट से उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया है।
वर्तमान में भागलपुर जेल में बंद रीतलाल यादव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि वे आज (गुरुवार) ही नामांकन करने पटना रवाना हो गए हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, आज उन्हें राजद का चुनाव चिह्न (सिंबल) भी सौंपा जा सकता है।
जेल से पटना रवाना हुए रीतलाल यादव
गुरुवार की सुबह-सुबह रीतलाल यादव को कड़ी सुरक्षा के बीच भागलपुर जेल से पटना लाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि वे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात करेंगे और उसके बाद नामांकन प्रक्रिया पूरी करेंगे। नामांकन का समय सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक निर्धारित है, ऐसे में राजद के स्थानीय कार्यकर्ता पूरी कोशिश में हैं कि रीतलाल आज ही नामांकन दाखिल कर दें।
50 लाख रंगदारी मामले में जेल में बंद हैं विधायक
रीतलाल यादव ने बिल्डर से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के केस में बीते अप्रैल महीने में दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। आत्मसमर्पण के बाद उन्हें बेऊर जेल भेजा गया, जहां से बाद में उन्हें भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया। पुलिस को शक था कि वे जेल में रहकर अपने नेटवर्क के जरिए किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम दिलवा सकते हैं, जिसके चलते उन्हें ट्रांसफर किया गया।
दानापुर की राजनीति में अब भी असरदार हैं रीतलाल यादव
रीतलाल यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव में दानापुर सीट से आरजेडी के टिकट पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी की प्रत्याशी आशा देवी को हराया था।
2010 में उन्होंने पहली बार राजद से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। 2016 में जेल में रहते हुए विधान परिषद का चुनाव जीतकर एमएलसी बने। अगस्त 2020 में जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव में वापसी की और जीत दर्ज की।
अब एक बार फिर जब वे जेल में हैं, उनके समर्थक और पार्टी दोनों यह दिखाने को तैयार हैं कि रीतलाल यादव का जनाधार आज भी बरकरार है।
राजद के लिए ‘जोखिम और प्रतीक’ दोनों
रीतलाल यादव की उम्मीदवारी को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि राजद ने जोखिम भरा लेकिन रणनीतिक कदम उठाया है। दानापुर में यादव परिवार और स्थानीय समर्थकों के बीच उनकी पकड़ मजबूत है। ऐसे में पार्टी मान रही है कि रीतलाल की उम्मीदवारी से सीट पर पकड़ और मजबूत होगी, भले ही उनकी कानूनी मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं।







