RJD Final Candidates List 2025: टिकट बंटवारे में उठा-पटक के बीच राजद ने जारी की 143 प्रत्याशियों की फाइनल लिस्ट- युवाओं और नए चेहरों पर तेजस्वी का दांव
Patna political news: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के नामांकन की आखिरी तारीख पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपनी फाइनल उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। पार्टी ने इस बार कुल 143 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को सिंबल सौंपा है। सूची में जहां अनुभवी नेताओं को दोबारा मौका दिया गया है, वहीं कई नई और युवा आवाज़ों को भी चुनावी मैदान में उतारा गया है जो राजद की बदलती रणनीति और नई पीढ़ी को नेतृत्व में लाने की मंशा को साफ़ दर्शाता है।
नवादा से नई सियासी जोड़ी
इस बार नवादा जिले में राजद ने बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने अपने मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर पूर्व विधायक कौशल यादव और उनकी पत्नी पूर्णिमा यादव पर भरोसा जताया है।
कौशल यादव नवादा से मैदान में उतरेंगे, जबकि पूर्णिमा यादव को गोविंदपुर से टिकट मिला है। इसके अलावा पिंकी भारती को रजौली विधानसभा क्षेत्र से पहली बार मौका दिया गया है। राजद की इस नई लिस्ट ने जिले की राजनीति में नया संतुलन बना दिया है और कई पुराने समीकरणों को हिला दिया है।
महागठबंधन में फिर से खींचतान
जहाँ राजद ने अपने पत्ते खोल दिए हैं, वहीं महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर असंतोष अब भी बरकरार है।
दूसरे चरण के नामांकन के आखिरी दिन तक कांग्रेस और वामपंथी दलों के बीच अंतिम समझौता नहीं हो पाया।
इस बीच, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने छह सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। अगर झामुमो अपने फैसले पर कायम रहता है, तो 20 से अधिक सीटों पर महागठबंधन के भीतर सीधी टक्कर के हालात बन सकते हैं।
बछवाड़ा से बढ़ा विवाद, कई सीटों पर टकराव
महागठबंधन के भीतर मतभेद की शुरुआत बेगूसराय के बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से हुई, जहां कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित कर दिया, जबकि 2024 के चुनाव में यहां भाकपा दूसरे स्थान पर रही थी।
कांग्रेस ने तीसरे स्थान पर रहे गरीब दास को टिकट दिया- जिसके जवाब में भाकपा ने राजापाकर, रोसड़ा और बिहारशरीफ से अपने प्रत्याशी उतार दिए।
इसके बाद राजद ने भी कांग्रेस के दावों वाली सीटों- जैसे वारसलीगंज, वैशाली और लालगंज- पर अपने उम्मीदवार उतारकर माहौल और गर्मा दिया।
कांग्रेस के भीतर मचा घमासान
कांग्रेस इस समय दोहरे संकट में फंसी हुई है न केवल गठबंधन सहयोगियों से, बल्कि अपने ही नेताओं से। पार्टी ने कई पुराने उम्मीदवारों को बदलकर नए चेहरों को टिकट दिया है। उदाहरण के तौर पर, जाले सीट पर पहले से घोषित उम्मीदवार की जगह अब ऋषि मिश्रा को मौका मिला है, जबकि नरकटियागंज में रजन तिवारी की जगह शाश्वत केदार पांडेय को मैदान में उतारा गया है।
जमालपुर की सीट अब तक अनिर्णीत है- जबकि नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। इसी उथल-पुथल के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने ट्वीट कर कहा, दलित दबेगा नहीं, झुकेगा नहीं — अब इंकलाब होगा। उनका यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि पार्टी के भीतर गहरी असंतुष्टि पनप रही है।
आगे की राह और बढ़ती पेचीदगियाँ
राजद की फाइनल लिस्ट जारी होने के बाद यह साफ़ है कि महागठबंधन के भीतर तालमेल की परीक्षा अब शुरू हो चुकी है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, टिकट बंटवारे की यह उठा-पटक आने वाले दिनों में बिहार के चुनावी समीकरणों को पूरी तरह बदल सकती है। तेजस्वी यादव ने भले ही युवाओं पर भरोसा दिखाया हो, लेकिन गठबंधन के भीतर जो सियासी तापमान बढ़ा है वह आने वाले हफ़्तों में और भी दिलचस्प मुकाबले की भूमिका तैयार करेगा।







