बिहार चुनाव में RJD को झटका: रितु जायसवाल के बगावती तेवर, कहा-“परिहार नहीं छोड़ूंगी, अब निर्दलीय मैदान में उतरूंगी”
Bihar chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी पारे में उबाल बढ़ता जा रहा है। हर दिन नए समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं — कोई टिकट की उम्मीद में पार्टी बदल रहा है तो कोई टिकट कटने पर बगावत के मूड में है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की चर्चित नेत्री रितु जायसवाल ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
रितु जायसवाल ने ऐलान किया है कि वे अब परिहार विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि वे 20 अक्टूबर को परिहार से नामांकन दाखिल करेंगी और इस अवसर पर जनता से बड़ी संख्या में उपस्थित होने की अपील भी की है।
परिहार मेरी आत्मा में बसता है
रितु जायसवाल ने अपने बयान में कहा कि जैसे ही यह चर्चा सामने आई कि पार्टी उन्हें परिहार की जगह बेलसंड से टिकट देने पर विचार कर रही है, वैसे ही परिहार की जनता का सैलाब उमड़ पड़ा।
उन्होंने कहा, मुझे सैकड़ों फोन और हजारों संदेश मिले सबकी एक ही अपील थी, मैडम, परिहार को मत छोड़िए। मैं पिछले पाँच वर्षों से परिहार की मिट्टी, इसके लोगों के सुख-दुख और संघर्ष के साथ खड़ी रही हूँ। ऐसे में किसी और क्षेत्र से चुनाव लड़ना मेरी आत्मा को स्वीकार नहीं।
RJD पर गद्दारों को पुरस्कृत करने का आरोप
रितु जायसवाल ने साफ कहा कि परिहार की मौजूदा स्थिति के लिए न केवल भाजपा विधायक गायत्री देवी, बल्कि पूर्व विधायक डॉ. रामचंद्र पूर्वे भी समान रूप से जिम्मेदार हैं।
उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, यह बात किसी से छिपी नहीं कि डॉ. पूर्वे ने पिछले चुनाव में, राजद के एमएलसी रहते हुए, पार्टी से गद्दारी की थी।
उसी का नतीजा था कि मुझे मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा। रितु जायसवाल ने आगे कहा कि इस बार जब पार्टी ने डॉ. पूर्वे की बहू को टिकट दे दिया, तो यह “उनकी गद्दारी का पुरस्कार” जैसा प्रतीत होता है।
यह फैसला कठिन है, पर जनता की भावना से बड़ा कुछ नहीं
रितु जायसवाल ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व को पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि अगर टिकट पर पुनर्विचार नहीं हुआ, तो वे स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगी। यह निर्णय आसान नहीं है, पर यह मेरे मन की आवाज़ है और परिहार की जनता की भावना का सम्मान भी।
परिहार में नई सियासी जंग के संकेत
रितु जायसवाल का यह कदम आरजेडी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। वे इलाके में एक सक्रिय और लोकप्रिय चेहरा मानी जाती हैं। उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने से परिहार सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रितु जायसवाल का यह फैसला आरजेडी के भीतर बढ़ती टिकट असंतोष की लहर को और तेज़ कर सकता है, जो पार्टी के चुनावी समीकरण पर असर डाल सकता है।







