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12 दिवसीय पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ समापन, विश्व संवाद केंद्र द्वारा किया गया था आयोजित

 

पटना में  विश्व संवाद केंद्र द्वारा 12 दिवसीय पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला का आज समापन हुआ। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. एन.के. झा ने कहा कि किसी भी संस्था में शीर्ष प्रबंधन और उसमें काम करने वाले लोगों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। यह सिद्धांत मीडिया हाउस में और भी आवश्यक है क्योंकि मीडिया एक साथ विधायिका , कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच संतुलन कायम रखता है। उन्होंने कहा कि इस पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला में पत्रकारिता का मौलिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद प्रतिभागियों के अंदर लेखन के साथ-साथ चिंतन और मनन के भी गुणों का प्रस्फुटन हुआ है। इससे उन्हें रोजगार ढूंढने में न केवल सुविधा होगी, बल्कि देश समाज में घटने वाली घटनाओं को एक विशेष दृष्टि से देखने की क्षमता भी विकसित होगी। 

कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार मणिकांत ठाकुर ने कहा कि नए पत्रकारों को अवसर तलाश करने में तत्पर रहने, ईमानदारी से अपने कार्यों को संपन्न करने तथा किसी भी कार्य में अपना शत प्रतिशत देना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत कार्यवाह डॉ. विनायक पद्माकर ने कहा कि पत्रकारों के अंदर स्वराष्ट्र के दिशा का होना आवश्यक है। पत्रकारिता के क्षेत्र में किए गए किसी कार्य से अगर राष्ट्र की तनिक भी क्षति हो रही है, तो वैसे कार्य को करने से परहेज करना चाहिए। 

विश्व संवाद केंद्र के संपादक संजीव कुमार ने कहा कि विगत 21 वर्षों से संचालित '12 दिवसीय पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला' से निकलकर देश के बड़े मीडिया हाउस में यहां के प्रतिभागी सफलतापूर्वक कार्य कर रहे हैं। आज उसमें एक कड़ी और जुड़ गया है। इस अवसर पर प्रतिभागियों द्वारा तैयार किए गई 3 हाउस जर्नल का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने कार्यशाला के अपने अनुभवों को साझा भी किया। इस अवसर पर पटना विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग अध्यक्ष प्रो. लक्ष्मी नारायण सिंह , वरिष्ठ पत्रकार कृष्णकांत ओझा, फ़िल्म अध्येता और फ़िल्म सेंसर बोर्ड के पूर्व सदस्य प्रशांत रंजन, शोधार्थी शोभित सुमन समेत जनसंचार विधा के कई शिक्षक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।