13वां केके सिन्हा स्मृति व्याख्यान का आयोजन, अजीत सिन्हा ने कहा- श्रम के बिना सकारात्मक लाभ व पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की अनुमति नहीं
13वाँ के के सिन्हा स्मृति व्याख्यान ADRI संस्था के निदेशक प्रो. अजीत सिन्हा द्वारा २५ नवम्बर, २०२४ को कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस, पटना के वाणिज्य सभागार में दिया गया। उनके व्याख्यान का विषय था
व्याख्यान श्रृंखला केके सिन्हा उमा सिन्हा फाउंडेशन की एक पहल है, जो एक सामाजिक संस्था है और स्वास्थ्य एवं शिक्षा, ग्रामीण विकास और बिहार में पंचायती राज संस्थानों की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। ज्ञात हो कि यह व्याख्यान माला प्रति वर्ष कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना के अर्थशास्त्र विभाग के सहयोग से आयोजित किया जाता है।इसकी स्थापना प्रो. सिन्हा के आकस्मिक निधन के बाद उनके परिवार द्वारा की गई थी।
प्रो. केके सिन्हा, जो कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस के बहुत ही प्रिय एवं सम्मानित प्रोफेसर थे। उन्हें विषय में असाधारण अंतर्दृष्टि और गरीबी के अर्थशास्त्र में विशेषज्ञता के लिए जाना जाता था; उनका विशेष शिक्षण कौशल और अपने छात्रों के साथ उनका जुड़ाव लोगों को आज तक याद है।
वह बिहार में कई सामाजिक और शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े थे और उनके निधन के समय यूजीसी के प्रोफेसर इमेरीटस थे।
समारोह में प्रो डॉ रश्मि अखौरी ने मुख्य वक्ता डॉ अजीत सिन्हा का परिचय दिया एवं उनके व्यक्तित्व की विवेचना की।
अपने मुख्य व्यक्तव्य में प्रो. अजीत सिन्हा ने तकनीकी परिवर्तन के संदर्भ में बेरोजगारी के प्रश्न पर चर्चा की, विशेष रूप से बढ़ते रोबोटीकरण और उत्पादन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग के वर्तमान संदर्भ में। उन्होंने तर्क दिया कि पिएरो सर्राफा के सिद्धांत को छोड़कर, एडम स्मिथ से लेकर आज तक के आर्थिक सिद्धांत, श्रम-रहित अर्थव्यवस्था पर विचार नहीं करते हैं और इसलिए, प्रासंगिक नीति नुस्खे के साथ आने में सक्षम नहीं हैं। प्रोफेसर सिन्हा के अनुसार, पिएरो सर्राफा द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत, श्रम के बिना सकारात्मक लाभ और कीमतों वाली पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की अनुमति देता है। प्रोफेसर सिन्हा का तर्क था कि विशुद्ध वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, उत्पादन श्रम के बिना भी हो सकता है। इसलिए, हमें ऐसे संस्थानों का निर्माण करके ऐसी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए जो सामाजिक लाभांश और बुनियादी आय के तंत्र के माध्यम से सभी के लिए आय का उचित वितरण सुनिश्चित करें।
वक्तव्य के बाद वक्ता एवं श्रोतागण में एक उच्च स्तरीय interactive session भी हुआ।
समारोह की शुरुआत स्वर्गीय प्रो. के के सिन्हा को पुष्पांजलि और पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। फाउंडेशन के सचिव श्री प्रवीर कृष्ण ने परिचयात्मक भूमिका प्रस्तुत की जिसके बाद के के सिन्हा उमा सिंह फाउंडेशन की अध्यक्षा प्रो. और स्वर्गीय प्रो के के सिन्हा की पत्नी प्रो. उमा सिन्हा ने एक भावनात्मक स्वागत भाषण दिया और इस आयोजन में शामिल सभी लोगों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद भी दिया। समारोह की अध्यक्षता कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स के प्रधानाचार्य प्रो. इंद्रजीत प्रसाद राय ने की।प्राचार्य प्रोफेसर इंद्रजीत प्रसाद राय ने अपने अध्यक्षीय भाषण में विषय पर प्रकाश डाला और स्वर्गीय प्रोफेसर के के सिन्हा का कॉलेज, छात्र निकाय और समाज में उनके अपार योगदान के बारे में बताया।
मंच पर विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ अनिल सुलभ, अध्यक्ष, साहित्य सभा सम्मेलन एवं जस्टिस मृदुला मिश्रा भी उपस्थित थीं।
कार्यक्रम के दौरान सभागार में अर्थशास्त्र विभाग के विद्यार्थी एवं सभी शिक्षक- प्रो. प्रवीण कुमार, प्रो. रश्मि अखौरी, प्रो. मृदुला कुमारी, प्रो. संजय कुमार पांडे, डॉ. विवेक कुमार, डॉ. बैकुण्ठ राय, डॉ. संगीता कुमारी, डॉ. रमेश चंद्र चौधरी- उपस्थित थे।
केकेएसयूएसएफ, स्नातक (प्रतिष्ठा) इकोनॉमिक्स के टॉपर के साथ-साथ कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस के स्नातकोत्तर इकोनॉमिक्स टॉपर को केके सिन्हा मेमोरियल अवार्ड प्रदान करता है। इसके तहत इस बार श्री आदिल रज़ा को स्नातक प्रतिष्ठा में अव्वल अंक हासिल करने के लिए एवं सुश्री अपेक्षा सिंह को स्नातकोत्तर में अव्वल अंकों के लिये ₹२०५१/-,ट्रॉफी एवं सर्टिफिकेट दिया गया।
अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. प्रवीण कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया एवम् मंच का संचालन KKSUS की सदस्या प्रियम कृष्ण ने किया।







