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बिहार में जितिया पर 46 लोग डूबे, 43 का शव बरामद, औरंगाबाद में सबसे ज्यादा 10 की जान गई

 

बिहार में जिउतिया पर्व के दौरान नदी और तालाबों में नहाने के दौरान हादसों में अब तक 43 की मौत हो गई। इनमें 37 बच्चे और 6 महिलाएं शामिल हैं। इन सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं।

ये हादसे 24 और 25 सितंबर को हुए। सबसे ज्यादा 10 मौतें औरंगाबाद जिले में हुई हैं। यहां दो अलग-अलग घटनाओं में 8 बच्चे डूब गए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। अभी कई लोग लापता हैं। इन्हें खोजने का काम जारी है।

ये हादसे राज्य के 16 जिलों में हुए हैं। CM नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है।

औरंगाबाद जिले के बारुण थाना क्षेत्र के ईटहट में 5 किशोरियां व्रती महिलाओं के साथ तालाब में नहाने गई थीं। महिलाएं स्नान कर पास के मंदिर में पूजा करने चली गईं। किशोरियां नहाती रहीं। इसी दौरान एक किशोरी निशा डूबने लगी। उसे बचाने सगी बहन अंकू गई। वह भी डूबने लगी। दोनों को डूबता देख बाकी किशोरियां आगे बढ़ीं। सूचना पर स्थानीय लोग पहुंचे। उन्हें बचाने के लिए तालाब में कूदे। तब तक चार बच्चियां डूब चुकी थीं। एक बच्ची राशि को किसी तरह बचा लिया गया।

दूसरी घटना औरंगाबाद के ही मदनपुर के कुशहा गांव की है। यहां भी जिउतिया में नहाने के दौरान हादसा हुआ। महिलाएं जौ बुन रहीं थीं, इसी दौरान 18 बच्चे आहर में नहाने लगे। सभी डूबने लगे। 14 बच्चों को लोगों ने बचा लिया, लेकिन 4 डूब गए। ग्रामीणों का आरोप है कि आहर की खुदाई के दौरान एक जगह गहरा गड्‌ढा कर दिया गया था, उसी में 3 बच्चियां और एक बच्चा डूब गया। दो बच्चियां डूबी हैं लेकिन उनके शव नहीं मिले हैं।