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बिहार में 61 मौतें, 10 जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट, 150 KM की रफ्तार से चली हवा

 
बिहार में आज और कल यानी 12 अप्रैल तक आंधी-बारिश का अलर्ट है। 10 जिलों में भारी बारिश के साथ आसमानी बिजली गिरने की आशंका है। इस दौरान 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चल सकती है।
काल बैसाखी ने गुरुवार को पटना सहित पूरे बिहार में भारी तबाही मचाई। 20 जिलों में 61 लोगों की जान चली गई। पेड़ गिरने, दीवार ढहने, उसके नीचे दबने से 38 की मौत हुई। ठनका से 23 लोग मारे गए। 9 लोग झुलस गए।
राज्य के अधिकांश हिस्सों में 40-50 किलोमीटर प्रतिघंटा तो गया में दो मिनट के लिए हवा की गति 100-150 किमी प्रतिघंटा पहुंच गई। सर्वाधिक तबाही नालंदा में हुई। यहां 22 मौत हुई है।
बेमौसम बरसात से गेहूं, आम, लीची और मक्का जैसी फसलों को व्यापक क्षति पहुंची। आंधी से आम के टिकोले गिर गए तो लीची भी झड़ गई। कृषि विभाग के अनुसार उत्तर बिहार में गेहूं की कटनी हो चुकी है, लेकिन दक्षिण बिहार में खेत में ही गेहूं की फसल है। बारिश से गेहूं की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। फसलों की क्षति को देखते हुए कृषि विभाग ने जिला कृषि पदाधिकारियों को फसल क्षति का आकलन कर 24 घंटे में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर यानी निम्न दबाव और हिमालय से चल रही हवाओं के चलते बिहार में आंधी-तूफान और बारिश हो रही है। बंगाल की खाड़ी में जब समुद्र से जमीन की ओर हवा चलती है तो दबाव कम होता है। इसे लो प्रेशर कहा जाता है। इसके कारण बारिश होती है।
इसका असर बंगाल, ओडिशा, बिहार और झारखंड पर भी पड़ता है। सबसे ज्यादा असर केरल, तमिलनाडु और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह पर पड़ता है। बंगाल की खाड़ी हिंद महासागर का पूर्वोत्तर भाग है, जो भारत, बांग्लादेश, थाईलैंड, म्यांमार, इंडोनेशिया, मलेशिया और श्रीलंका से घिरा है।