बिहार में 61.1 लाख मतदाता हटेंगे: चुनाव आयोग ने दी जानकारी, हर विधानसभा सीट से हट सकते हैं औसतन 25 हजार नाम
Patna: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का काम अब अंतिम दौर में है। इस प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग ने साफ किया है कि करीब 61.1 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे। यह आंकड़ा राज्य की 243 विधानसभा सीटों को देखें तो हर सीट से औसतन 25,000 नाम हटाए जाने की संभावना बनती है।
क्यों हटाए जा रहे हैं नाम?
चुनाव आयोग के अनुसार, हटाए जा रहे 61.1 लाख मतदाताओं में:
- 21.6 लाख लोगों की मृत्यु हो चुकी है
- 31.5 लाख लोग स्थायी रूप से बिहार से बाहर जा चुके हैं
- 7 लाख लोग दो जगहों पर वोटर लिस्ट में दर्ज हैं
- 1 लाख लोगों की पहचान या पता नहीं मिल पाया है
अब तक कितनी प्रगति हुई है?
- बिहार में कुल 7.9 करोड़ मतदाता हैं
- इनमें से 7.21 करोड़ लोगों ने अपने फॉर्म भरकर जमा कर दिए हैं
- चुनाव आयोग का दावा है कि अब तक 99% लोगों तक उनकी टीम पहुंच चुकी है
- सिर्फ 7 लाख लोग ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक फॉर्म जमा नहीं किया है
कब आएगी नई लिस्ट?
चुनाव आयोग ने बताया कि 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद अगर किसी का नाम गलती से हट गया है या किसी का नाम गलत तरीके से जुड़ गया है तो राजनीतिक दल और आम मतदाता आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
यह प्रारूप लिस्ट:
- सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को दी जाएगी
- डिजिटल और प्रिंट दोनों रूप में उपलब्ध होगी
- आम लोग भी इसे वेबसाइट पर देखकर जांच कर सकेंगे
विपक्ष क्यों कर रहा विरोध?
राजद, कांग्रेस और अन्य दलों वाला महागठबंधन इस प्रक्रिया का विरोध कर रहा है। उनका आरोप है कि यह जल्दबाजी में किया गया कदम है, जो आगामी चुनावों को प्रभावित कर सकता है।
2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो:
- 11 सीटों पर 1,000 से भी कम वोटों से हार-जीत हुई थी
- 35 सीटों पर 3,000 से कम वोटों का फासला था
- 52 सीटों पर 5,000 से कम मतों से फैसला हुआ था
विपक्ष का कहना है कि अगर इस बार इतनी बड़ी संख्या में नाम हटते हैं तो चुनावों में सीधे तौर पर असर दिख सकता है।
सरकार और चुनाव आयोग का जवाब
बिहार सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा में कहा कि ये कोई नई प्रक्रिया नहीं है। 2003 में भी एसआईआर केवल एक महीने में किया गया था। उन्होंने कहा – “हमने जातिगत सर्वे भी 15 दिनों में पूरा कर लिया था, चुनाव आयोग पारदर्शिता के साथ काम कर रहा है।”
कौन-कौन दल हैं शामिल?
1 अगस्त को जिन 12 राजनीतिक दलों को लिस्ट दी जाएगी, उनमें शामिल हैं:
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
- राष्ट्रीय जनता दल (राजद)
- कांग्रेस
- जनता दल यूनाइटेड (जदयू)
- बहुजन समाज पार्टी (बसपा)
- भाकपा (माले)
- भाकपा (माकपा)
- आम आदमी पार्टी
- लोजपा (रामविलास)
- रालोसपा
- नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी)
बिहार में इस बार मतदाता सूची की सफाई का काम बड़े स्तर पर हो रहा है। चुनाव आयोग का दावा है कि इससे वोटिंग प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी होगी, लेकिन राजनीतिक दलों के बीच इसको लेकर विवाद और सियासी गर्मी बढ़ गई है। आने वाले चुनावों में इसका असर जरूर दिखेगा।







