Movie prime

सांस्कृतिक विरासत का केंद्र बनेगा श्रीराम कर्मभूमि की धरती बक्सर: - अश्विनी चौबे

 

भगवान श्रीराम की प्रथम कर्मभूभि, प्रथम रणभूमि सिद्धाश्रम बक्सर में राम कर्मभूमि न्यास के तत्वावधान में केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे द्वारा  विश्व सनातन संस्कृति समागम...राम राज्य की ओर एवं वामनेश्वर  राम कर्मक्षेत्र महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन 7 नवम्बर से शुरू होकर 15 नवम्बर 2022 को पांच आयामों में सम्पन्न होगा। 

z


इसके तहत श्रीराम कर्मभूमि यात्रा का शुभारंभ  मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश योगी आदित्यनाथ द्वारा 3 नवम्बर को किया गया है। जो अयोध्या होते हुए 5 नवम्बर की रात बक्सर पहुंचेगी।  यह यात्रा जहां जहां बिहार में भगवान श्रीराम के चरण पड़े हैं, वहां जाएगी। 20 नवम्बर को यह यात्रा जनकपुर धाम पहुंचेगी। केंद्रीय मंत्री चौबे ने बताया कि इस योजना के तहत यज्ञ संस्कृति की आदि भूमि सिद्धाश्रम बक्सर में श्री लक्ष्मी नारायण वैदिक महायज्ञ, श्री रामकथा ज्ञान यज्ञ, श्री भागवत कथा ज्ञान यज्ञ, पुरूषार्थ चतुष्टय श्रीराम प्रज्ञा ज्ञान यज्ञ (अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी) एवं श्री राम लोकमंथन ज्ञानोत्सव का आयोजन किया गया है। सांस्कृतिक विरासत का बक्सर केंद्र बनेगा। अमृत काल में भगवान श्रीराम के सतत विकास का रॉल मॉडल होगा। यह आयोजन पूज्यश्री जीयर स्वामी जी महाराज के सानिध्य में हो रहा है।
 
यह विराट आयोजन सिद्धाश्रम बक्सर को केंद्र में रखते हुए भगवान श्री राम की मर्यादा को प्रत्येक भारतीयों के मनमंदिर व व्यवहार में स्थापित करने के अभियान का शुभारंभ है। जगत्गुरु रामभद्राचार्य जी श्रीरामकथा कहेंगे, वहीं जगत्गुरु अनन्ताचार्य जी द्वारा श्रीमद्भागवत कथा कही जाएगी।  इस अवसर से शुरू होने वाले अभियान को अभिव्यक्त करने वाली संकल्पना ‘‘मुझ में राम’’ नाम से लोगो के रूप में लोक को समर्पित किया गया। पांच आयामों वाले इस विराट आध्यात्मिक व सांस्कृतिक समारोह में 8 नवम्बर 2022 को अखिल विश्व सनातन संस्कृति समागम का आयोजन किया गया है। जिसमें भारत के सभी प्रमुख तीर्थों से संत, महंत, महामंडलेश्वर, जगत्गुरु व विषय के तज्ञ विद्वान शामिल होंगे। इस विशेष अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक पूज्य डा. मोहनभागवत जी भी उपस्थित रहेंगे।

भगवान श्री राम की जन्मभूमि का गौरव पुनःप्रस्फुटित हो रहा है। जन्मभूमि पर दिव्य व भव्य मंदिर निर्माण का कार्य शीघ्र पूर्ण होने जा रहा है। भारत के संत, मनीषी व विचारकों का मानना है कि भगवान श्री राम का अवतरण जिस हेतू के लिए त्रेता युग में हुआ था, उसका शुभारंभ गंगा तट पर विराजमान सिद्धाश्रम बक्सर से हुआ था। श्री राम ने पृथ्वी को आतंक से मुक्ति दिलाकर दैहिक, दैविक व भौतिक तापों से मुक्ति दिलाने वाली व्यवस्था निर्माण की प्रक्रिया यहीं से शुरू की थी।

अतः अयोध्या में मंदिर निर्माण के बाद सभी भाारतीयों के मन मंदिर में मर्यादा पुरूषोत्म श्री राम को स्थापित करने के अभियान की शुरूआत उनकी प्रथम कर्मभूमि-रणभूमि सिद्धाश्रम बक्सर से शुरू हो रहा है। बिहार का परमतीर्थ सिद्धाश्रम इस विश्व व्यापी अभियान के केंद्र के रूप में पुनःप्रतिष्ठित होगा। इसी संकल्प के साथ श्री राम कर्मभूमि न्यास की स्थापना हुई है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन 11 लाख दीयों से भगवान श्रीराम की तारका वध करते हुए स्वरूप बनाया जा रहा है, यह विश्व कीर्तिमान का प्रयास होगा। श्री राम कर्मभूमि न्यास का यह विराट आयोजन इस दिशा में प्रथम कदम माना जा सकता है। इसमें प्रज्ञा प्रवाह, संस्कार भारती, सेवा भारती, विद्या भारती जैसे संगठन सहयोगी हैं। 15 नवम्बर को समापन होगा। समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे।