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भाजपा नेताओं के विवादित बयान के खिलाफ पटना में निकला नागरिक मार्च, कई संगठनों ने लिया हिस्सा

 


भाजपा नेता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के विवादित बयान का मामला दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया है. खासतौर पर इस्लामिक देशों में इस बयान की निंदा की जा रही है और लोग विरोध भी जता रहे हैं. हलाकि इन देशों के दबाव में बीजेपी ने दोनों नेताओं को पार्टी से निलंबित कर दिया है. नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को भले बीजेपी ने पार्टी से निकाल दिया है लेकिन जिस तरह से इस्लामिक देशों और मुस्लिम बहुल देशों से प्रतिक्रिया आई, उस पर बहस ख़त्म नहीं हुई. 

एक तरफ जहाँ भाजपा नेताओं के विवादित बयान से देश भर में उबाल है वहीँ बुलडोजर एक्शन और गिरफ्तारियों पर भी लोग विरोध जाता रहे हैं, देश के कई राज्यों में इसके खिलाफ लोगों ने सडकों पर उतर कर विरोध जताया है. ये दोनों मामले देश के अलग-अलग हिस्सों से होते हुए बिहार में भी आ पहुँचा है.राजधानी पटना में इसके खिलाफ आज नागरिक मार्च का आयोजन हुआ. यह मार्च आइएमए हाॅल से निकलकर कारगिल चौक तक गया और फिर वहां पर एक सभा का आयोजन हुआ. मार्च में भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, राजद के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता, सीपीएम के राज्य सचिव मंडल के सदस्य अरूण मिश्रा, कांग्रेस के विधायक शकील अहमद के साथ-साथ माले के सभी विधायक, आइसा-इनौस, एआइपीएफ, जसम ऐपवा जैसे संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताआंे ने हिस्सा लिया. 

नागरिक मार्च के दौरान आफरीन फातिमा के घर पर बुलडोजर क्यों-जवाब दो, न्यायतंत्र पर बुलडोजर राज नहीं चलेगा, संविधान-लोकतंत्र को बुलडोज करना बंद करो, मुस्लिम युवकों पर हमले क्यों-जवाब दो, नागरिकता आंदोलन के कार्यकर्ताओं की प्रताड़ना बंद करो, सांप्रदायिक जहर उगलने वाली नुपूर शर्मा व नवीन कुमार जिंदल को गिरफ्तार करो-सजा दो, रांची पुलिस फायरिंग के दोषियों को गिरफ्तार करो ये नारे लगा रहे थे.

माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि आज हम एक बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं. विगत 15 दिनों से पूरे भारत व दुनिया में मोहम्मद पैगंबर पर भाजपा प्रवक्ताओं नुपूर शर्मा व नवीन कुमार जिंदल द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी के कारण हंगामा जारी है. जब दुनिया भर में इसका प्रतिवाद शुरू हुआ, उसकी कड़ी निंदा की जाने लगी, भारत के राजदूतों को फटकार लगाई गई, खाड़ी देशों से आर्थिक आमदनी बाधित होने की आशंका पैदा होने लगी, तब उन देशों को खुश करने के लिए भाजपा नेताओं ने कहा कि नुपूर शर्मा व नवीन कुमार जिंदल जैसे लोग फ्रिंज एलीमेंट हैं. उन्हें गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.

लेकिन हम जानते हैं कि यह सरकार झूठ बोल रही है. ये लोग फ्रिंज नहीं भाजपा के कोर हैं. इसलिए सरकार सबसे पहले हिंदुस्तान की जनता को जवाब दे और ऐसे जहर फैलाने वाले लोगों को तत्काल गिरफ्तार करके उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई करे. पैगंबर मोहम्मद पर की गई अभद्र टिप्पणी केवल इसलाम या मुसलमानों के खिलाफ नहीं बल्कि यह भारत की गंगा-जमुनी तहजीब, उसकी बुनियाद और हमारे संविधान पर चोट है. यह हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा संविधान सभी धर्माें के बीच समन्वय की बात करता है.

आज उक्त घटना के खिलाफ पूरे देश में प्रतिवाद हो रहा है, लेकिन उसके प्रति सरकार का क्या रवैया है? झारखंड में भाजपा की सरकार नहीं है लेकिन पुलिस पूरी तरह से भाजपा के कब्जे में है. दो मुस्लिम युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. यूपी में जहां खुद भाजपा है, इलाहाबाद के प्रतिष्ठित सीएए विरोधी आंदोलन के नेता के घर को बुलडोज कर दिया गया. पूरे देश में मुस्लिम घरों को निशाना बनाया जा रहा है. आज देश में यह माहौल बनाया जा रहा है कि बोलोगे तो गोली से उड़ा देंगे, विरोध करोगे तो बुलडोजर से ढाह देंगे और यदि बच गए तो जेल में सड़ा देंगे. यह फासीवाद नहीं तो और क्या है? इसलिए आज इस खतरे को पहचानते हुए देश के प्रत्येक नागरिक को उठ खड़ा होना होगा और इसे संविधान व देश पर चोट समझते हुए निर्णायक लड़ाई के लिए कमर कस लेनी होगी.

वहीँ राजद के प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने कहा कि मोदी सरकार के 8 वर्ष हो गए. एक तरफ चरम महंगाई है, बेरोजगारी है और दूसरी ओर पूरे देश में सांप्रदायिक हमलों का विस्तार है. पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश के अंदर सांप्रदायिकता को फैलाने का काम किया जा रहा है. घटनाएं जिस प्रकार से घटित हो रही हैं, यह सामान्य प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा नहीं हो सकती है. यह एक अतिवादी संगठन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है, जिसका हम सब मिलजुलकर ही प्रतिरोध कर सकते हैं.

सीपीएम के अरूण मिश्रा ने कहा कि आज एक नई लड़ाई की जरूरत है. बुलडोजर की राजनीति ऐसी राजनीति है जिसमें न कोर्ट है न कानून है. जो भी भाजपा के खिलाफ है उसको बुलडोज कर दिया जा रहा है. आखिर यह भाजपा किस प्रकार का देश बना रही है? हमारे सामने आज कोई दूसरा रास्ता नहीं है कि हम सड़कों पर आएं, इन ताकतों का मुंहतोड़ मुकाबला करें और इसके लिए हम सबको एक साथ आना होगा.

बता दें कि नूपुर शर्मा की ओर से एक टीवी डिबेट में पैग़ंबर मोहम्मद को पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर कई जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. कुछ प्रदर्शन हिंसक प्रदर्शनों में भी तब्दील हो गए. वहीं इस पूरे मामले पर देश के भीतर सियासी गर्माहट भी देखी जा रही है. कई देशों ने भारतीय दूतों को बुलाकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की और कुछ देशों ने इस मामले में भारत से माफ़ी मांगने को कहा. उसके बाद भाजपा ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया और पार्टी के एक और नेता नवीन कुमार जिंदल को विवादित ट्वीट की वजह से पार्टी ने निष्कासित कर दिया.

लेकिन मामला यहीं शांत नहीं हुआ बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा के विवादित बयान पर शुक्रवार को नमाज के बाद देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे. यूपी में कानपुर के बाद प्रयागराज समेत अन्य जिलों में भी प्रदर्शन हुए थे.  कुछ जिलों में प्रदर्शन में शामिल आरोपियों के घर बुलडोजर चला है. सरकार का आरोप है ये बुलडोजर अवैध तरीके से बनाने के आरोप में चलाए गए हैं. लेकिन विपक्ष का कहना है कि बिना किसी नियम-कानून के ऐसी ज्यादती क्यों की जा रही है? विपक्ष ने इसे कानून का दुरुपयोग कहते हुए मुसलमानों को टारगेट किए जाने को अन्यायपूर्ण बताया है. यही नहीं यूपी में आरोपियों के मकानों पर चल रहे बुलडोजर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के कई रिटायर्ड जजों और वरिष्ठ वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा को पत्र लिखा है. पत्र में इस प्रकार से मकानों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को गैरकानूनी कहा गया है.