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पटना: अखिल किसान संघर्ष समिति कई मांगो को लेकर 26 नवंबर को निकलेगा मार्च

 

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले बिहार के प्रमुख किसान संगठनों के नेताओं ने पटना के छज्जु बाग में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस प्रेस वार्ता के माध्यम से किसान नेताओं ने 26 नवंबर को ऐतिहासिक किसान आंदोलन की दूसरी वर्षगांठ पर पटना में राजभवन मार्च का आह्वान किया.

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26 नवंबर 2022 को किसान आंदोलन के दो वर्ष पूरे हो जाएंगे। एक वर्ष से लंबे चले इस ऐतिहासिक आंदोलन ने केंद्र सरकार को तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेने को मजबूर कर दिया था। इसके बाद किसान आंदोलन की लंबित मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के नाम एक पत्र लिखकर लिखित आश्वासन भी दिया था। लेकिन, आज ग्यारह महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार ने किसानों से किए वायदे पूरे नहीं किए.  इस विश्वासघात के खिलाफ और किसानों की अन्य मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 नवंबर 2022 को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। इस दिन देश भर के किसान अपने-अपने राज्यों में राजभवन मार्च निकालेंगे और राज्यपाल के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे।

इस मौके पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले बिहार के किसान भी राजभवन तक मार्च निकालेंगे। यह मार्च पटना के गांधी मैदान से सुबह 12 बजे निकलेगी और इसमें राज्य भर के किसानों की भारी भीड़ जुटेगी। इस मार्च के माध्यम से किसान अपनी मांगों को उठाएंगे। इसमें किसान आंदोलन की छ: लंबित मांगों के अलावा बिहार के किसानों की भी मांगे उठाए जाएंगे। वो मांग इस प्रकार है:-

1) सभी कृषि उपज के लिए स्वामिनाथन आयोग के आधार पर सी2+50% के फॉर्मूला से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी ।
2) एक व्यापक ऋण माफी योजना के माध्यम से कर्ज मुक्ति ।
3) बिजली संशोधन विधेयक, 2022 की वापसी ।
4) लखीमपुर खीरी में किसानों व पत्रकारों के नरसंहार के आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी एवं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई ।
5) प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसल बर्बाद होने पर शीघ्र क्षतिपूर्ति के लिए व्यापक एवं प्रभावी फसल बीमा योजना ।
6) सभी मध्यम, छोटे और सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों को ₹ 5,000 रुपये प्रति माह की किसान पेंशन ।
7) किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों की वापसी ।
8) किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवारों को मुआवजे का भुगतान और शहीदों किसानों के लिए सिंघु मोर्चा पर स्मारक बनाने के लिए भूमि आवंटन का आवंटन ।
9) तेल और ईंधन की कीमत में कमी । अनाज पर लगाए गए कर की वापसी ।
10) बिहार में एपीएमसी कृषि मंडी की पुनः बहाली ।
11) इंद्रपुरी जलाशय (कदवन बांध) का निर्माण, कोयल नहर का पुनरुत्थान, 400 रू प्रति क्विन्टल गन्ना की कीमत की घोषणा ।