बिहार विधानसभा चुनाव से पहले EVM विवाद पर सियासत गरमाई, हरियाणा के सरपंच चुनाव का मामला बना सुर्खी
Patna: बिहार में विधानसभा चुनावी माहौल गरमाते ही EVM की विश्वसनीयता पर सियासत भी तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हरियाणा के एक पंचायत चुनाव के ताज़ा मामले को सामने लाकर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं।
दरअसल, हरियाणा के पानीपत ज़िले की बुआना लाखू ग्राम पंचायत में नवंबर 2022 में सरपंच चुनाव हुआ था। उस समय कुलदीप सिंह विजेता घोषित हुए, जबकि मोहित कुमार चुनाव हार गए थे। हार के बाद मोहित कुमार ने नतीजों को चुनौती देते हुए पुनर्गणना की मांग की।
पहले पानीपत के चुनाव न्यायाधिकरण ने पुनर्गणना का आदेश दिया, लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इसे रद्द कर दिया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा, जहाँ 31 जुलाई 2025 को तीन जजों की बेंच ने आदेश दिया कि सभी बूथ की EVM और चुनावी रिकॉर्ड कोर्ट परिसर में लाकर रजिस्ट्रार की निगरानी में पुनर्गणना की जाए और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी हो।
6 अगस्त को हुई पुनर्गणना में चौंकाने वाला नतीजा सामने आया, 3,767 मतों में से मोहित कुमार को 1,051 वोट और कुलदीप सिंह को 1,000 वोट मिले। यानी करीब तीन साल बाद चुनाव का नतीजा पलट गया। 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मोहित कुमार को विजेता घोषित कर दिया।
तेजस्वी यादव ने इस मामले का ज़िक्र करते हुए कहा, एक बूथ की EVM का हाल यह है, सोचिए बाकी जगह क्या होता होगा। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भी धांधली हुई जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। उसके बाद सरकार ने नियम बदल दिए, अब 45 दिन बाद गिनती का वीडियो नहीं मिलेगा। ऐसे में साक्ष्य ही गायब कर दिए जाएंगे। तेजस्वी का कहना है कि बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं और बिहार जैसे लोकतंत्र की जन्मस्थली में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने लोगों से सतर्क और जागरूक रहने की अपील की।
यह मामला न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश में EVM की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहा है, खासकर तब जब बिहार चुनाव सिर पर हैं।







