भोले के 'कैदी' भक्त की अद्भुत आस्था: 20 सालों से कर रहे थे यात्रा, इस बार जंजीरों में जकड़कर निकले बाबा धाम

Bihar, Munger: सावन का महीना शुरू होते ही बिहार से लेकर झारखंड तक के रास्ते बोल बम के जयघोष से गूंज उठे हैं। हजारों शिवभक्त बाबा बैद्यनाथ की पावन नगरी देवघर की ओर कांवड़ लेकर निकल चुके हैं। इन्हीं श्रद्धालुओं की भीड़ में इस बार एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने लोगों को हैरान ही नहीं, भावविभोर कर दिया। लोहे की जंजीरों में जकड़ा, नंगे पांव, कांवर कंधे पर और होंठों पर सिर्फ "बोल बम" था। ये जहानाबाद जिले के रहने वाले शंभू कुमार, जिनकी अनोखी यात्रा ने आस्था को नया अर्थ दिया है।
भोलेनाथ मेरे सपने में थे
शंभू कुमार पिछले 20 वर्षों से सावन में देवघर की यात्रा कर रहे हैं। लेकिन इस बार कुछ अलग हुआ। शंभू के मुताबिक, बाबा भोलेनाथ सपने में प्रकट हुए और कहा, तूने एक गुनाह किया है, उसका प्रायश्चित तभी होगा जब तू कैदी बनकर मेरे दरबार में आए। बस, उस क्षण से शंभू ने इसे आदेश नहीं, वरदान मान लिया। और लोहे की जंजीरों में खुद को जकड़कर बाबा की राह पकड़ ली। न हाथ खुले हैं, न पाँव, न गला। लेकिन मन में सिर्फ एक ही बात- "बाबा का दरबार, बाबा की मर्जी।"

लोगों ने समझा अपराधी है
जब शंभू मुंगेर के कच्ची करवरिया पथ से गुजरे, तो राह चलते लोगों को लगा कि यह कोई अपराधी है जिसे पुलिस ले जा रही है। लेकिन जैसे ही सच्चाई सामने आई, भीड़ श्रद्धा में झुक गई। लोग मोबाइल निकालकर वीडियो बनाने लगे, किसी ने तस्वीर ली, तो कोई उनके सामने हाथ जोड़कर "हर हर महादेव" का नारा लगाने लगा।
नंगे पांव, कंधे पर भगवा झंडा और सिर पर कांवड़
शंभू की यात्रा सिर्फ जंजीरों की नहीं है, यह नंगे पांव, तप, आत्मग्लानि और समर्पण की भी यात्रा है। उनके पैर में कोई चप्पल नहीं, बदन पर कोई सुविधा नहीं सिर्फ जंजीरें और भोले बाबा की भक्ति। सिर पर कांवर है, कंधे पर भगवा झंडा और आंखों में सिर्फ देवघर का सपना। उन्होंने यह भी कहा कि, जब तक बाबा चाहेंगे, मैं ये जंजीरें नहीं खोलूंगा, शंभू का यह संकल्प हर किसी को अवाक कर रहा है।