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आंगनबाड़ी सेविका का बेटा बना DSP, BPSC में सीतामढ़ी के उज्जवल ने रैंक वन पाया

 

69वीं बीपीएससी का परिणाम बीते मंगलवार यानी 26 नवंबर को जारी हो गया. इसमें कुल 470 अभ्यर्थियों को सफलता मिली है. इस परीक्षा में सीतामढ़ी के रहने वाले उज्ज्वल कुमार उपकार को बिहार पुलिस सर्विस  में पहला स्थान मिला है. रैंक वन पाने वाले उज्ज्वल वर्तमान में वैशाली के गोरौल में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के पद पर हैं. 69वीं बीपीएससी में रैंक वन आने के बाद उन्होंने कहा कि एक तरह से सपना पूरा हुआ है. पीडीएफ में नाम आ जाना ही बहुत बड़ी बात होती है. पढ़िए रैंक वन पाने वाले उज्ज्वल ने सफलता के पीछे क्या कुछ कहा है.

उज्ज्वल कुमार उपकार ने कहा कि उन्हें पता था कि रिजल्ट होगा, लेकिन रैंक वन के बारे में उन्होंने नहीं सोचा था. हालांकि वे पहले से सरकारी पद पर थे लेकिन दोबारा परीक्षा देने के सवाल पर उज्ज्वल ने कहा, "ब्लॉक वेलफेयर ऑफिसर के रूप में जो मेरा रेंज था वो सीमित था. जो मेरा कल्याण का काम था वह एससी-एसटी वर्गों तक ही था. डीएसपी बनने के बाद मैं पूरे समाज को योगदान दे पाऊंगा." 

उज्ज्वल ने कहा कि आज पुलिस और समाज के बीच एक गैप बन गया है. पुलिस और समाज के बीच उस गैप को थोड़ा भरने की कोशिश करूंगा. उन्होंने बताया कि वे सीतामढ़ी जिले के नानपुर प्रखंड के रायपुर गांव के रहने वाले हूं. एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हूं. उनके पिता ने शिक्षक के रूप में शुरुआत की. गांव में ही आसपास के जितने बच्चे हैं उनको लगभग उन्हीं ने पढ़ाया. उन्होंने कहा कि उनकी मां आंगनबाड़ी सेविका हैं. एक बहन बीपीएससी पास कर शिक्षिका बनी है. बहन उनसे छोटी है. उसके बाद एक और भाई है. वो ग्रेजुएशन में है. 

इस परीक्षा के पीछे के संघर्ष को लेकर उज्ज्वल ने कहा, "बिना संघर्ष के सफलता नहीं होती. हर किसी के जीवन के पीछे एक कहानी होती है. जब मैं दसवीं में था उस समय कुछ रिश्तेदारों ने कहा था कि ये लड़का नहीं पढ़ेगा. उनकी सोच वैसी होगी. हालांकि मैं पढ़ाई मैं कमजोर नहीं था." 

उज्ज्वल ने आगे कहा, "इंजीनियरिंग के बाद मैंने नौकरी छोड़ दी थी. इसके बाद सिविल सेवा की ओर आया. लोगों ने कहा कि नौकरी छोड़कर इतना बड़ा रिस्क नहीं उठाना चाहिए. मरे मां-बाप को बहुत सुनना पड़ा. परिवार और भाई-बहन ने विश्वास रखा. कुछ दोस्त हैं उनका भी काफी रोल रहा है. जो बीपीएससी के अभ्यर्थी हैं उनके लिए कहना चाहूंगा कि आपकी राह में संघर्ष है तो आप जरूर अच्छे रास्ते पर हैं. आपको जरूर सफलता मिलेगी. समय बर्बाद करने से बेसिक पर ध्यान दीजिए."