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अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे आशा की महिलाओं को मिला माले का समर्थन

 

पारितोषिक नहीं-मानदेय दो, एक हजार नहीं-दस हजार दो, कोरोना काल और अन्य कार्यों के सभी बकाया का भुगतान शीघ्र करो जैसे 9 सूत्री मांगों को लेकर बिहार के सभी जिलों में 12 जुलाई से आशा कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे आशा की महिलाओं को अब माले का समर्थन मिल गया है. वहीं खबर रोहतास जिला के डेहरी से जहां  माले नेता व काराकाट के विधायक अरुण कुमार आज आशा कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे, इस दौरान उन्होंने आशा की महिलाओ के मांगों को जायज ठहराया और कहा कि आशा वर्कर के तमाम मांगों को उनकी पार्टी माले पूरी तरह से समर्थन करती है और सरकार से मांग करती है कि वह आशा कार्यकर्ताओं के सभी मांगे पूरी करें.

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वहीं दूसरी ओर डिहरी के एसडीएम अनिल कुमार सिन्हा द्वारा पिछले दिनों आशा कार्यकर्ताओं के साथ कथित दुर्व्यवहार की भी उन्होंने निंदा की और कहा कि लोकतंत्र में अपनी मांगों के लिए धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन ही एक रास्ता है, ऐसे में महिलाओं के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

बता दें कि 9 सूत्री मांगों को लेकर पिछले 12 जुलाई से आशा कार्यकर्ता हड़ताल पर हैं. बीते दिनों यानि 20 जुलाई को हडताली आशा कर्मियों का पूरे बिहार के डीएम के समक्ष 9 सूत्री मांगों के समर्थन में आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन हुआ, वहीँ पटना डीएम के समक्ष हजारों की संख्या में आशा कार्यकर्ताओं प्रदर्शन किया.

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बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट-ऐक्टू) अध्यक्ष शशि यादव व ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार ने जारी विज्ञप्ति में दावा किया कि राज्य भर में डीएम के समक्ष हुए प्रदर्शन में 50 हजार से अधिक आशा व आशा फैसिलिटेटरों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया.

राज्य की लाखों आशा कर्मियों ने 20 जुलाई को आशा संयुक्त संघर्ष मंच के राज्यव्यापी आह्वान पर पूरे बिहार के सभी जिलाधिकारी के समक्ष हड़ताल के 9 वें दिन आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया और हड़ताल को सफल बनाया. प्रदर्शन के दौरान आशाएं भूखे पेट काम नहीं करेगी', आशा के बगैर पीएचसी अधूरा है, पारितोषिक नही -मानदेय देना होगा,एक हजार नहीं दस हजार देना होगा,सभी बकाया का तुरन्त भुगतान करो, 9 सूत्री मांगें पूरी करों का जोरदार नारा लगाते हुए प्रदर्शन निकाला.

यही नहीं बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट-ऐक्टू) से जुड़े आशा व आशा फैसिलिटेटरों ने पटना सहित राज्य के जहानाबाद, अरवल, कैमूर, रोहतास, मुंगेर, भागलपुर, खगड़िया,समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, कटिहार, सिवान, गोपालगंज, छपरा, पूर्वी व पश्चमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी आदि जिलों में हजारों की संख्या में आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को 9 सूत्री मांगों वाला मांग पत्र सौंपा.

संघ अध्यक्ष शशि यादव व ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार ने  बताया कि आज राज्य भर के जिलों में आशाओं के हुए प्रदर्शन में भकापा( माले) के विधायकों ने हिस्सा लिया. अरवल में माले विधायक महानन्द सिंह, कटिहार में माले विधायक दल नेता महबूब आलम , पटना में माले विधायक दल उपनेता सत्यदेव राम, जहानाबाद में माले विधायक रामबली सिंह यादव, सिवान में माले विधायक अमरजीत कुशवाहा ने आशाओं के प्रदर्शन में हिस्सेदारी निभाया.

वहीं नेताओं ने बताया कि आज सिवान के बड़हरिया निवासी व बड़हरिया पीएचसी में कार्यरत आशा प्रमिला देवी प्रदर्शन उपरांत घर लौट रही थी कि रास्ते मे अनियंत्रित ट्रक ने टक्कर मार दिया जिससे  प्रमिला देवी व उनके पति बुरी तरह जख्मी हो गए, आशा प्रमिला की स्थिति नाजुक बनी हुई है ,उन्हें बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर किया गया है. इस बीच आशा व हड़ताल की मुख्य नेत्री शशि यादव ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 9 सूत्री मांगें जल्द पूरा नहीं किया गया तो राज्य की लाखों आशा कार्यकर्ता परिवार समेत पीएचसी पर सत्याग्रह शुरू करेगी.