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बख्तियारपुर-ताजपुर सेतु का स्पैन गिरने की खबर गलत, प्रोजेक्ट मैनेजर बोले- गिरा नहीं, गिराया गया है

 

बिहार के समस्तीपुर जिले के उत्तर में बख्तियारपुर और ताजपुर के बीच बन रहे 6 लेन गंगा महासेतु का एक हिस्सा गिरने की खबर लगातार सोशल मीडिया पर चल रही है. घटना शाहपुर पटोरी के नंदनी लगुनियां रेलवे स्टेशन के पास की है, जहां दो पिलरों के बीच स्लैब लगाने का काम चल रहा था. इसी दौरान करीब 50 फीट तक का स्लैब गिरने की खबर चल रही हैं.

लेकिन जब News Haat इस खबर की सच्चाई जानने की कोशिश कि तो कुछ और ही पता चला. बता दें कि ताजपुर प्रोजेक्ट 8 साल पहले बंद हो गया था, जिसे अभी कुछ दिनों पहले नवयुग इंजीनियरिंग के द्वारा पुनः शुरू किया गया. 7 से 8 सालों तक बंद रहने और पुल के पिलर का एक्सपोजर में रहने के कारण, नए सिरे से काम करने के लिए स्पेन हटाया जा रहा था, बेयरिंग खराब हो चुका था, जिसे रिप्लेस करने के लिए स्पेन को लिफ्ट और शिफ्ट किया जा रहा था. जिससे उसे तोड़कर हटाया जा सके और नया स्पेन डेवलप किया जा सके. उसी दौरान गड्डर, टॉपल हो गया, यह कोई पुल धसने, बहने की घटना नहीं है, प्रोजेक्ट इंजीनियर से बात करने पर सच्चाई सामने लाई गई हैं, उनके मुताबिक, अन्य मीडिया में प्रकाशित खबर बिल्कुल निराधार और बेबुनियाद है. बढ़ाचढ़ा कर घटना का रुख बदल दिया गया. 

इधर, घटना के बाद पुल निर्माण में जुटी नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के मैनेजर ने कहा कि स्लैब में गड़बड़ी आ गई थी, जिसके कारण उसे गिराया गया है. स्लैब खुद से नहीं गिरा है.

प्रोजेक्ट मैनेजर मोहन सिंह ने कहा, "..हमें इस गार्डर को बदलना है. इसी प्रक्रिया के तहत जब हम इसे बीयरिंग पर सेट कर रहे थे, एक गार्डर गिर गया. उन्होने आगे कहा कि वायरल वीडियो में कोई सच्चाई नहीं है. हम केवल एक गार्डर को बदल रहे थे, जिस दौरान इसे तोड़ा गया.

बता दें कि इस पुल के बनने के बाद महात्मा गांधी सेतु तथा मोकामा राजेंद्र सेतु पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा. राजधानी पटना से समस्तीपुर, दरभंगा, बेगूसराय, मधुबनी समेत उत्तर बिहार के कई जिलों की दूरी 30 से लेकर 50 किमी तक कम होगी। समय की बचत होगी.