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बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर बड़ा फैसला: TRE-4 में सिर्फ 50% पदों पर होगी नियुक्ति, बाकी TRE-5 के लिए आरक्षित

 
 TRE-4 में सिर्फ 50% पदों पर होगी नियुक्ति

Patna: बिहार के लाखों युवा जो सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, उनके लिए एक अहम खबर सामने आई है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि 2026 में होने वाली TRE-5 परीक्षा के लिए अभी से 50% रिक्तियां आरक्षित रखी जाएंगी। यानी इस साल होने वाली TRE-4 परीक्षा के जरिए केवल आधे पदों पर ही नियुक्ति होगी।

रिक्तियों का बंटवारा ऐसे होगा:

  • कुल संभावित पद: लगभग 1 लाख
  • TRE-4 में बहाली: 50,000 पद
  • TRE-5 के लिए आरक्षित: 50,000 पद

जिलों से मांगी गई रिपोर्ट, प्रक्रिया में तेजी

शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से कक्षा 1 से 12 तक के रिक्त पदों की जानकारी तलब की है। इन आंकड़ों के आधार पर जल्द ही रोस्टर क्लियरेंस कराया जाएगा और बीपीएससी को अधियाचना भेजी जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि सितंबर 2025 तक TRE-4 की वैकेंसी जारी हो जाएगी।

STET परीक्षा में बदलाव

TRE-4 के लिए इस बार STET (माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा) नहीं कराई जाएगी। विभाग ने फैसला लिया है कि अब STET की परीक्षा TRE-5 के पहले आयोजित की जाएगी, ताकि पात्रता और नियुक्ति प्रक्रिया के बीच कोई टकराव न हो।

विषयवार और कक्षा-वार रिक्तियां

  • कक्षा 9 से 12 के लिए लगभग 25,000 पद होंगे जो विषयवार होंगे।
  • कक्षा 1 से 5 (प्रारंभिक विद्यालयों) में रिक्तियां अपेक्षाकृत कम हैं।
  • TRE-3 और 30,000 प्रधान शिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सही रिक्तियों की तस्वीर सामने आएगी।

स्थानीय युवाओं को मिलेगा ज्यादा मौका

TRE-4 में पहली बार स्थानीय (डोमिसाइल) अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाएगी।

  • 85% पद बिहार के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित
  • सिर्फ 15% पदों पर बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को मौका मिलेगा

महिलाओं के लिए विशेष आरक्षण

बिहार की महिलाओं को शिक्षक बहाली में मिलेगा खास लाभ:

  • कक्षा 1 से 5 तक की बहाली में 50% आरक्षण
  • अन्य वर्गों (6 से 12) में 35% आरक्षण
  • ये आरक्षण सिर्फ बिहार की महिला अभ्यर्थियों के लिए लागू होगा

क्या समझें इस फैसले से?

शिक्षा विभाग के इस निर्णय से साफ है कि राज्य सरकार अब शिक्षक बहाली को चरणबद्ध और पारदर्शी बनाना चाहती है। एक साथ बड़ी बहाली के बजाय अब नियुक्ति को दो हिस्सों में बांटा गया है, जिससे गुणवत्ता, पात्रता और क्षेत्रीय प्राथमिकता सुनिश्चित की जा सके।