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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान, रसोइयों और स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय दोगुना शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक और अहम कदम

 
Nitish kumar

Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार सुबह एक और बड़ा तोहफा प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में काम कर रहे कर्मियों को दिया है। चुनावी मौसम में नीतीश सरकार लगातार एक के बाद एक फैसले लेकर सुर्खियों में है। आज का फैसला खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो अब तक कम मानदेय में काम करते रहे जैसे रसोइया, रात्रि प्रहरी और स्वास्थ्य अनुदेशक।

मुख्यमंत्री का बड़ा फैसला

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि उनकी सरकार 2005 से लगातार राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने में जुटी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 में शिक्षा पर कुल बजट 4,366 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 77,690 करोड़ रुपये हो गया है।

उन्होंने लिखा:"बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति, नए स्कूल भवनों का निर्माण और आधारभूत ढांचे के विकास से शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है।"

मानदेय में दोगुनी बढ़ोतरी

सीएम नीतीश ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में रसोइयों, रात्रि प्रहरियों और स्वास्थ्य अनुदेशकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन्हीं की मेहनत को देखते हुए उनके मानदेय को दोगुना करने का निर्णय लिया गया है।

नया मानदेय कुछ इस प्रकार है:

  • मिड-डे मील में कार्यरत रसोइया:

पहले ₹1650, अब ₹3300 प्रति माह

  • माध्यमिक/उच्च विद्यालयों में कार्यरत रात्रि प्रहरी:

पहले ₹5000, अब ₹10,000 प्रति माह

  • शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक:

पहले ₹8000, अब ₹16,000 प्रति माह

  • साथ ही इनकी सालाना वेतन वृद्धि भी ₹200 से बढ़ाकर ₹400 कर दी गई है।

क्या होगा असर?

सरकार का मानना है कि इस फैसले से शिक्षा व्यवस्था से जुड़े ज़मीनी कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा। इससे न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा, बल्कि वे और अधिक ईमानदारी व उत्साह से काम कर सकेंगे।

बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले को एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इससे यह भी साफ संकेत मिलता है कि चुनाव नजदीक हैं, और सरकार हर वर्ग को साधने में जुटी है।