HMPV को लेकर बिहार सरकार अलर्ट, स्वास्थ्य सचिव ने जारी की हेल्थ एडवाइजरी
चीन-मलेशिया के बाद भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद व कर्नाटक के बेंगलुरू में कोरोना जैसे संक्रामक रेस्पिरेटरी वायरस ह्यूमन मेटान्यूरो वायरस (HMPV) के दस्तक देते ही बिहार का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया। बिहार के स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह ने सोमवार को जांच, उपचार व बचाव के बारे में विस्तृत एडवाइजरी जारी की है।
इसके तहत सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआइ) के अस्पताल में भर्ती गंभीर रोगियों के नमूने तत्काल प्रभाव से नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) भिजवाने को कहा है। यदि, एचएमपीवी की पुष्टि होती है तो दो दिन बाद पुन: बैठक कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव ने पत्र में लिखा है कि ठंड के मौसम में श्वसन वायरस ज्यादा देर तक हवा में सक्रिय रहते हैं। इसके तुरंत बाद बसंत का मौसम आएगा, जब श्वसन रोग की आशंका ज्यादा रहती है। जनवरी से दिसंबर 2024 तक देश में सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के 714 रोगियों में से नौ में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हो चुकी है। तीन से छह दिनों तक इससे संक्रमित व्यक्ति दूसरे को बीमार कर सकता है। कोरोना की तरह इसके उपचार की भी कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा या वैक्सीन नहीं है। लक्षणों के आधार पर इसमें भी रोगी को आक्सीजन, सांस लेने में परेशानी को दूर करने वाली दवा, दर्द की दवा देने के साथ खूब आराम करने व पानी पीने की सलाह दी जाती है।
प्रदेश को बचाने के लिए हो रही ये तैयारियां
- सभी अस्पतालों में एनफ्लुएंजा लाइक इलनेस व सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी निमोनिया या इंफेक्शन को चिह्नित कर पोर्टल पर प्रतिदिन रिपोर्ट अपलोड करना।
- कोविड-19 संबंधी दवाएं, किट्स, वेंटिलेटर, आक्सीजन, माक्स आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
- मिलते-जुलते लक्षण के मामले बढ़ने पर सभी अस्पतालों में फ्लू कार्नर बनाकर जांच शुरू की जाए। चिकित्साकर्मियों को एचएमपीवी से बचाव के बारे में प्रशिक्षित किया जाए।
- सभी अस्पतालों में इंफेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिसेस की सघन निगरानी शुरू की जाए।
- सांस लेने में परेशानी, बुखार वाले रोगियों के उपचार के लिए अस्पताल में विशेष व्यवस्था करते हुए वार्ड व बेड निर्धारित किए जाएं।
- जल्द प्रदेश में होगी जांच की सुविधा प्रदेश के चीफ सर्विलांस पदाधिकारी डा. रणजीत कुमार सिंह ने बताया कि इस वायरस की जांच भी आरटी-पीसीआर विधि से होती है।
- एनआइवी पुणे से दो दिन बाद जांच किट उपलब्ध करा दी जाएगी, इसके बाद आइसीएमआर निर्धारित करेगा कि आरएमआरआइ, आइजीआइएमएस, एम्स पटना या पुणे में से कहां पहले इसकी जांच सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
- एचएमपीवी के लक्षण ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस सांस संबंधी बीमारियों का कारण बनता है। शुरुआती लक्षण खांसी-जुकाम, तेज बुखार और गंभीर मामलों में सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
- पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, किडनी, हृदय, लिवर जैसे कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा।