बिहार सरकार का बड़ा फैसला: सैनिकों और उनके परिवारों को अब सभी कल्याणकारी योजनाओं का मिलेगा ऑनलाइन लाभ
Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान किया है। अब देश की सुरक्षा में अपना जीवन समर्पित करने वाले सैनिकों और उनके परिजनों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। बिहार सरकार ने सैनिक कल्याण निदेशालय की सभी योजनाओं को ऑनलाइन करने का फैसला लिया है।
ऑनलाइन होंगे शिक्षा व विवाह अनुदान
सैनिक कल्याण बोर्ड की ओर से चलाई जा रही योजनाएं- जैसे बच्चों के लिए शिक्षा अनुदान, विवाह अनुदान और प्रधानमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति। अब डिजिटल माध्यम से सीधे सैनिकों और उनके परिवारों तक पहुँचेंगी। इसके लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की खरीद पर 20 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस काम की जिम्मेदारी पटना जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी को सौंपी गई है।
पुनर्वास और रोजगार पर भी जोर
- सरकार ने पिछले दो सालों में पूर्व सैनिकों के पुनर्वास को लेकर कई कदम उठाए हैं।
- करीब 5,000 पूर्व सैनिकों को डायल-112 सेवा में चालक पद पर नौकरी दी गई है।
- राजभवन सचिवालय ने भी पूर्व सैनिकों को विश्वविद्यालयों में गार्ड के पद पर नियुक्त किया है।
- हाल ही में राजभवन के लिए ड्राइवर के तौर पर आधा दर्जन पूर्व सैनिकों की नियुक्ति हुई है।
इतना ही नहीं, भूतपूर्व सैनिकों को स्नातक (बीए एचआरएम) की पढ़ाई और प्रमाणपत्र दिलाने के लिए राज्यपाल सचिवालय ने दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
नए सैनिक काम्प्लेक्स का निर्माण
फिलहाल बिहार के सात जिलों जैसे:
- दरभंगा
- मुजफ्फरपुर
- वैशाली
- सिवान
- बक्सर
- रोहतास
- भागलपुर
यहां सैनिक कल्याण कार्यालय पहले से कार्यरत हैं। अब सरकार ने 12 और जिलों में इंटिग्रेटेड सैनिक काम्प्लेक्स बनाने की प्रक्रिया शुरू की है। इन जिलों में शामिल है:
- नालंदा
- बेगूसराय
- सीतामढ़ी
- मधुबनी
- समस्तीपुर
- कैमूर
- औरंगाबाद
- जहानाबाद
- कटिहार
- सहरसा
- पश्चिमी चंपारण
- गोपालगंज
इसके लिए संबंधित जिलों के डीएम को एक एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। इस पहल से बिहार के हजारों सैनिक परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। अब उन्हें योजनाओं के लिए दफ्तरों की दौड़-भाग नहीं करनी होगी, बल्कि घर बैठे ऑनलाइन सुविधा मिल सकेगी।







