Bihar news: पटना में 27–28 दिसंबर को होगा 30वां अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन, बलराम को मिलेगा सतीशराज पुष्करणा शिखर सम्मान
Bihar news: अखिल भारतीय प्रगतिशील लघुकथा मंच के तत्वावधान में 30वां अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन 27 और 28 दिसंबर को राजधानी पटना के किलकारी बाल भवन में आयोजित किया जाएगा। दो दिवसीय इस साहित्यिक आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों से सौ से अधिक लघुकथाकार, साहित्यकार और शोधार्थी हिस्सा लेंगे।

सम्मेलन का उद्घाटन बिहार विधान परिषद के उप सभापति डॉ. रामवचन राय करेंगे, जबकि मुख्य अतिथि बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष नंदकिशोर यादव होंगे। कार्यक्रम में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अबू बकर रिजवी, महापौर सीता साहू, प्रसिद्ध लघुकथाकार बलराम और ‘नई धारा’ के संपादक डॉ. शिवनारायण विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामदुलार सिंह ‘पराया’ करेंगे।

बलराम को मिलेगा शिखर सम्मान
लघुकथा मंच के महासचिव डॉ. ध्रुव कुमार ने बताया कि मंच के संस्थापक एवं लघुकथा आंदोलन के पुरोधा स्व. सतीशराज पुष्करणा की स्मृति में इस वर्ष दिल्ली निवासी वरिष्ठ लघुकथाकार बलराम को सतीशराज पुष्करणा लघुकथा शिखर सम्मान-2025 से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें स्मृति चिह्न के साथ 25 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा, लघुकथा आलोचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए बोकारो (झारखंड) की डॉ. आशा पुष्प को सतीशराज पुष्करणा लघुकथा समालोचना सम्मान दिया जाएगा। उन्हें स्मृति चिह्न और 15 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। वहीं, बेगूसराय के युवा लेखक सुमन कुमार को लघुकथा युवा सम्मान और पटना के 12 वर्षीय अनुराग कुमार को लघुकथा नवांकुर सम्मान से नवाजा जाएगा।
चर्चा, शोधपत्र और लघुकथा-पाठ
सम्मेलन के पहले दिन ‘75 के बलराम’ विषय पर विशेष सत्र आयोजित होगा। दूसरे दिन लघुकथा के सिद्धांत, रचना प्रक्रिया और आलोचना पर केंद्रित अलग-अलग सत्र होंगे, जिनमें दो दर्जन से अधिक शोधपत्र पढ़े जाएंगे। साथ ही, सतीशराज पुष्करणा के साहित्यिक योगदान पर विशेष चर्चा और लघुकथा-पाठ का आयोजन भी किया जाएगा।
इस अवसर पर स्व. सतीशराज पुष्करणा पर केंद्रित स्मृति ग्रंथ “सतीशराज पुष्करणा : हिंदी लघुकथा के प्रथम पुरुष” का लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही लघुकथा विषयक पुस्तकों और पोस्टरों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
आयोजकों के अनुसार, यह सम्मेलन न सिर्फ लघुकथा के वर्तमान और भविष्य पर विमर्श का मंच बनेगा, बल्कि युवा और नवोदित रचनाकारों को वरिष्ठ साहित्यकारों से जुड़ने का भी अवसर प्रदान करेगा।







