Movie prime

Bihar Solar Lights: मुजफ्फरपुर में 17 हजार से ज्यादा सोलर लाइटें लगेंगी, 72 घंटे में मरम्मत नहीं तो एजेंसी पर कार्रवाई

 
Bihar Solar Lights: मुजफ्फरपुर में 17 हजार से ज्यादा सोलर लाइटें लगेंगी, 72 घंटे में मरम्मत नहीं तो एजेंसी पर कार्रवाई

Bihar, Mujaffarpur: बिहार में विकास अब सिर्फ घोषणाओं तक सीमित नहीं दिख रहा, बल्कि योजनाएं ज़मीन पर उतरती नजर आ रही हैं। मुजफ्फरपुर जिले में सोलर लाइट योजना के तीसरे चरण के तहत वार्डों और पंचायतों में 17 हजार से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए एजेंसियों का चयन कर कार्यादेश जारी कर दिया गया है और तीन महीने के भीतर काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

अब लाइट लगेगी ही नहीं, देखरेख भी होगी

इस चरण की सबसे बड़ी खासियत यह है कि प्रशासन ने सोलर लाइटों की निगरानी को भी व्यवस्था का हिस्सा बना दिया है। चयनित एजेंसियों को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी सोलर लाइट के खराब होने पर 72 घंटे के भीतर मरम्मत अनिवार्य होगी। इसके अलावा हर खंभे पर एजेंसी के जिम्मेदार कर्मी का नाम और मोबाइल नंबर लिखा जाएगा, ताकि आम लोग सीधे शिकायत दर्ज करा सकें।

गुणवत्ता से समझौते पर सख्ती

जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि सामग्री की गुणवत्ता और समयसीमा को लेकर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लाइटें केवल चिन्हित सार्वजनिक स्थलों पर ही लगेंगी और आपूर्ति से लेकर इंस्टॉलेशन तक की नियमित निगरानी की जाएगी। इस चरण में आईटीआई लिमिटेड, जय ऑटो व्हीकल्स प्राइवेट लिमिटेड, सग्स लायड लिमिटेड सहित चार एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

54 हजार लाइटों का बड़ा लक्ष्य

प्रशासन के अनुसार मुजफ्फरपुर जिले में कुल 54 हजार से अधिक सोलर लाइट लगाने की योजना है। अब तक 41 हजार लाइटों के लिए कार्यादेश जारी किया जा चुका है, जिनमें से करीब 26 हजार लाइटें लगाई जा चुकी हैं। तीसरे चरण के बाद शेष लाइटें चौथे चरण में लगाई जाएंगी। इस तरह योजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है।

पहले की लापरवाही से सबक

पिछले अनुभवों को देखते हुए इस बार प्रशासन और ज्यादा सतर्क है। कई प्रखंडों में पहले सैकड़ों सोलर लाइटें खराब मिली थीं और तय समय पर मरम्मत नहीं होने पर एजेंसियों पर ढाई लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया था। नियम के अनुसार 72 घंटे के बाद हर दिन प्रति लाइट 10 रुपये का जुर्माना तय है। इसी सख्ती का असर है कि अब एजेंसियां भी समय पर काम पूरा करने को लेकर गंभीर दिख रही हैं।

जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील

डीएम ने हालिया समीक्षा बैठक में जनप्रतिनिधियों से स्थल चयन और निगरानी में सहयोग करने की अपील की है, ताकि योजना का लाभ वास्तविक जरूरत वाले इलाकों तक पहुंचे।

कुल मिलाकर, मुजफ्फरपुर में सोलर लाइट योजना अब केवल रोशनी की व्यवस्था नहीं, बल्कि जवाबदेही, पारदर्शिता और प्रशासनिक सख्ती का एक नया उदाहरण बनती नजर आ रही है।