फूट-फूटकर रो पड़ा BPSC स्टूडेंट, सरकार से लगाई गुहार, बोले- चाचा बहुत दयालु हैं लेकिन पता नहीं…
70वीं बीपीएससी परीक्षा को लेकर बवाल आज भी जारी है. एक तरफ गांधी मैदान में आमरण अनशन चल रहा है, वहीं दूसरी ओर 22 सेंटरों पर री एग्जाम हो रहा है. अभ्यर्थियों की भीड़ दोनों जगह देखने को मिल रही है. ऐसे ही एक अभ्यर्थी हैं नवादा जिले के अजय राय, जिनका एग्जाम बापू एग्जाम हॉल में 13 दिसंबर को था. इनकी कहानी सुन आप भी चौंक जाएंगे. अजय की पीड़ा सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि उनके गीतों में भी झलकती है.
अजय अपनी दिल की बात गीत के जरिए बताते हुए कहते हैं,- “ये चाचा जी, तनी दे द तू अटेंशन, तनिका ले ला तू संज्ञान में, ये चाचा जी…” गाना खत्म करते ही अजय फूट-फूटकर रोने लगते हैं. उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर को बापू एग्जाम हॉल में परीक्षा देकर जेएसएससी सीजीएल में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए चला गया. वहां डीवी होने के कुछ देर बाद कोर्ट का स्टे लग गया. इधर आया तो एग्जाम कैंसल हो गया और बवाल शुरू हो गया. अब कहां जाऊं, समझ नहीं आ रहा है.
अजय बताते हैं कि वो नवादा जिले का रहने वाले हैं. सीएम नीतीश कुमार उनके बगल के जिले के हैं. इसीलिए वो उनको चाचा बोलते हैं. बहुत दयालु व्यक्ति हैं, लेकिन पता नहीं इस बार उनको क्या हो गया है, सुन ही नहीं रहे हैं. लेकिन मुझे भरोसा है कि वो लास्ट में मान जाएंगे. मुझे तो कभी-कभी लगता है कि दौड़ कर चले जाएं सीएम आवास, लेकिन इससे कुछ होगा नहीं. उम्मीद है, देखिए क्या होता है.
अजय आगे बताते हैं कि मैंने बापू परीक्षा परिसर में एग्जाम दिया था. मेरा एग्जाम भी हुआ, 109 सवालों का सही जवाब दिया. मुझे लगा कि सब हॉल में तो बवाल नहीं हुआ, मेरा ठीक एग्जाम गया. 70वीं बीपीएससी से मुझे बहुत ज्यादा आशा है. जहां तक बात है अधिकारी बनने की, तो झारखंड एसएससी सीजीएल में मैं अधिकारी के तौर पर चयनित हो चुका हूं. मेरा डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हो चुका है. वहां भी कोर्ट का स्टे लग चुका है. मुझे अधंकार दिखाई देता है. झारखंड में डीवी के बाद कोर्ट का स्टे लग गया और इधर हंगामा जारी है. कभ-कभी लगता है इंजीनियरिंग करने के बाद सिविल सर्विसेज का रास्ता चुनना मुझे बहुत दु:खदाई हो रहा है, इसीलिए इमोशनल हो गया.
अजय बताते हैं कि अगर मुझे मालूम होता है कि एग्जाम का हाल यह होता, तो मैं कंप्यूटर साइंस से बीटेक करने के बाद कॉरपोरेट में नौकरी करने लगता. लेकिन मैंने संघर्ष को चुना और सेलेक्ट भी हुआ. झारखंड में आखिरी पड़ाव में था और बिहार में भी पूरी उम्मीद थी. झारखंड में समाज कल्याण पदाधिकारी या श्रम प्रवर्तक अधिकारी के पद पर चयन होने की पूरी संभावना है. मुझे लगता है कि उसमें 2025 सीट है, जिसमें मेरा रैंक 750 से 800 के बीच है. लेकिन वहां भी मामला अटक चुका है. इसी बात को लेकर बहुत ज्यादा इमोशनल हूं.