जल–जलवायु संकट पर मंथन: बिहार में एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन को लेकर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का बड़ा संवाद
Bihar news: बिहार में बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों, पारिस्थितिक असंतुलन और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न जोखिमों के बीच जल संसाधनों के सतत प्रबंधन को लेकर मंगलवार को राजधानी पटना में एक महत्वपूर्ण राउंड टेबल टॉक का आयोजन किया गया। अभियंता भवन, बोरिंग रोड स्थित सभागार में आयोजित इस परिचर्चा का विषय था- “मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति और पारिस्थितिक व जलवायु परिवर्तन जोखिमों के तहत बिहार में जल संसाधन प्रणालियों (वेटलैंड्स सहित) के एकीकरण की आवश्यकता।”

इस कार्यक्रम का आयोजन बिहार अभियंत्रण सेवा संघ (BESA) और भारतीय जल संसाधन समाज (IWRS) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जबकि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के सस्टेनेबल डेवलपमेंट फोरम ने सहयोग किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में जल संसाधन अभियंत्रण के अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ प्रो. (डॉ.) विजय पाल सिंह, विशिष्ट प्राध्यापक, टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी (यूएसए) उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में बेसा के अध्यक्ष इंजीनियर सुनील कुमार ने पौधा भेंट कर प्रमुख वक्ता का स्वागत किया। महासचिव द्वारा स्वागत भाषण दिया गया, जबकि इंजीनियर डी.पी. सिंह ने प्रो. विजय पाल सिंह का परिचय देते हुए परिचर्चा के विषय की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

अपने संबोधन में प्रो. विजय पाल सिंह ने कहा कि बिहार जैसे राज्य के लिए यह समय बेहद अहम है, जब पारंपरिक और आधुनिक जल संसाधन प्रणालियों को एकीकृत दृष्टिकोण से विकसित और प्रबंधित किया जाए। उन्होंने वेटलैंड्स, तालाबों, पोखरों, नदियों, झरनों, धाराओं और भूजल भंडारण प्रणालियों को एक साझा ढांचे में जोड़ने की जरूरत पर बल दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केवल जल की मात्रा ही नहीं, बल्कि उसकी गुणवत्ता की नियमित निगरानी और संरक्षण भी उतनी ही आवश्यक है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जल-अनुकूल प्रबंधन और समेकित दृष्टिकोण अपनाकर ही बिहार बाढ़ और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपट सकता है और दीर्घकालिक विकास की ओर बढ़ सकता है।
परिचर्चा के दौरान कई अन्य विशेषज्ञों और अभियंताओं ने भी अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में इंजीनियर राम स्वार्थ सह, इंजीनियर रविंद्र कुमार सिन्हा, इंजीनियर परशुराम सिंह, इंजीनियर राजेश्वर मिश्रा, इंजीनियर अंजनी कुमार, इंजीनियर आदित्य नारायण झा अनल सहित बड़ी संख्या में अभियंता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के समापन पर बेसा के महासचिव इंजीनियर राकेश कुमार ने प्रो. विजय पाल सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन इंजीनियर अजय कुमार सिन्हा द्वारा प्रस्तुत किया गया।







