BSSC भर्ती अटकी: 25 लाख उम्मीदवार इंतजार में, परीक्षा तिथि पर सस्पेंस जारी
Patna Desk: बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) की सुस्ती ने लाखों युवाओं को गहरी चिंता में डाल दिया है। साल 2023 में आयोग ने करीब 12,199 पदों पर इंटर स्तरीय भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। यह भर्ती 9 साल बाद निकली थी, क्योंकि इससे पहले 2014 में इस स्तर पर बहाली हुई थी। लेकिन हैरानी की बात यह है कि दो साल बीत जाने के बाद भी आयोग अब तक प्रारंभिक परीक्षा (PT) की तारीख घोषित नहीं कर पाया है।
25 लाख उम्मीदवारों ने किया आवेदन
इस बहाली में लोअर डिवीजन क्लर्क, डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्टेनोग्राफर, पंचायत सचिव, टाइपिस्ट और राजस्व कर्मचारी जैसे कई अहम पद शामिल हैं। बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने आवेदन किया और लगभग 25 लाख फॉर्म भरे गए। इसका मतलब है कि एक पद के लिए करीब 200 दावेदार होंगे। लेकिन परीक्षा तिथि न घोषित होने से अभ्यर्थियों में निराशा और गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
ऑनलाइन परीक्षा पर विवाद
कई उम्मीदवारों का कहना है कि परीक्षा ऑनलाइन मोड में नहीं होनी चाहिए। उनका आरोप है कि अभी बिहार में पारदर्शी ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली विकसित नहीं है। अगर परीक्षा प्राइवेट एजेंसियों को सौंप दी गई तो धांधली और सेटिंग के बढ़ने का खतरा रहेगा।
पेपर लीक के पुराने मामले
BSSC पर पहले से ही पारदर्शिता पर सवाल उठते रहे हैं। स्नातक स्तरीय और CGL-3 परीक्षा में पेपर लीक के मामले सामने आ चुके हैं। उम्मीदवारों का कहना है कि अब जब आयोग में नया अध्यक्ष आया है तो उसे यह परंपरा बदलनी चाहिए। छात्र मांग कर रहे हैं कि परीक्षा ऑफलाइन मोड में OMR शीट पर कराई जाए, कार्बन कॉपी दी जाए, प्रश्न पुस्तिका वापस की जाए और 10 दिन के भीतर आंसर-की जारी की जाए।
परीक्षा कैलेंडर की मांग
अभ्यर्थियों का कहना है कि BSSC को भी BPSC की तरह परीक्षा कैलेंडर जारी करना चाहिए। ताकि उन्हें यह स्पष्ट जानकारी हो सके कि PT कब होगा, mains कब और इंटरव्यू कब तक संपन्न कराए जाएंगे। साथ ही छात्रों ने मांग की है कि परीक्षाओं में CCTV कैमरे, कंट्रोल रूम और कड़ी निगरानी की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि नकल और पेपर लीक पर रोक लग सके।
सरकार से उठ रहे सवाल
BSSC की देरी अब सीधा सवाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार तक पहुंचा रही है। छात्र पूछ रहे हैं कि आखिर क्यों दो साल से यह परीक्षा अटकी हुई है और क्यों लाखों युवाओं का भविष्य अधर में लटका है।
छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि “सरकार को युवाओं की आवाज सुननी चाहिए। अगर यह परीक्षा जल्द नहीं कराई गई तो उम्मीदवारों का धैर्य पूरी तरह टूट जाएगा।”







