बिहार की सियासत में जातीय ज्वाला: तेजस्वी यादव के ‘A to Z’ मॉडल पर उनके विधायक मुन्ना यादव ने फेरा पानी
Bihar: बिहार में चुनावी बिगुल फूंकने से पहले ही राजनीति की जमीन गर्म हो चुकी है। इस बार आग सत्ताधारी गठबंधन के भीतर से ही उठ रही है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक मुन्ना यादव का एक विवादित वीडियो सामने आया है जिसमें वे कैमरे पर सवर्ण जातियों को खुलेआम चेतावनी देते और जातिसूचक भाषा का प्रयोग करते नजर आ रहे हैं।
यह घटनाक्रम उस वक्त सामने आया है जब पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ‘A to Z’ यानी सभी जातियों को साथ लेकर चलने की राजनीति का दावा कर रहे हैं। लेकिन उनके ही विधायक अब उस सोच की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं।
क्या कहा मुन्ना यादव ने वायरल वीडियो में?
मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर विधानसभा से विधायक मुन्ना यादव ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, अब मिश्रा, सिंह, झा, शर्मा का कोई गुज़ारा नहीं है। सत्ता की गद्दी पर अब बहुजन ही बैठेगा।
उन्होंने सवर्ण जातियों का नाम लेकर तीखे और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं, उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का नाम लेते हुए भी विवादित टिप्पणी की, जिससे यह साफ हो गया कि उनका निशाना साफ तौर पर ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत और कायस्थ समुदाय की ओर था।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया।
कौन हैं RJD विधायक मुन्ना यादव?
- पूरा नाम: राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव
- विधानसभा: मीनापुर, मुजफ्फरपुर
राजनीतिक बैकग्राउंड:
- 2010 में बहुत कम वोटों से हारे
- 2015 और 2020 में RJD के टिकट पर जीत दर्ज की
विवादों से नाता:
- 2010 में आचार संहिता उल्लंघन का मामला
- हाल ही में इसी केस की सुनवाई 17 जुलाई को हुई
- रमजान में खुद को ‘मोहम्मद मुन्ना’ बताकर नया विवाद खड़ा किया
तेजस्वी यादव की रणनीति पर उठे सवाल
तेजस्वी यादव लंबे समय से "A to Z" यानी हर जाति, हर वर्ग को साथ लेकर चलने की राजनीति का प्रचार करते रहे हैं। लेकिन जब पार्टी के वरिष्ठ विधायक ही सवर्ण समुदाय को खुले मंच से अपमानित करें तो सवाल उठना लाजमी है:
- क्या यह RJD की "समावेशी राजनीति" का दोहरा चेहरा है?
- क्या जाति के नाम पर खुलेआम जहर उगलने वालों पर पार्टी कोई कार्रवाई करेगी?
राजनीतिक विरोधियों का हमला तेज
वीडियो के सामने आने के बाद BJP और JDU समेत कई दलों ने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है। विपक्ष ने इसे "जातीय उन्माद फैलाने की साजिश" करार दिया है और चुनाव आयोग से इस पर संज्ञान लेने की मांग की है।
क्या होगी RJD की अगली चाल?
अब निगाहें राजद और तेजस्वी यादव पर हैं। क्या पार्टी इस बयान से किनारा करेगी या चुप्पी साधे रहेगी? बिहार की राजनीति में जाति का कार्ड हमेशा असरदार रहा है, लेकिन इस बार मामला सीधे पार्टी की नीति बनाम नेता की भाषा का हो गया है।







