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कल से लॉन्च होगी मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, महिलाओं को मिलेगा 2 लाख तक का फायदा

 
कल से लॉन्च होगी मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, महिलाओं को मिलेगा 2 लाख तक का फायदा

Patna Desk: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को आर्थिक मजबूती देने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत राज्य की हर महिला को रोजगार शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी। सरकार का दावा है कि यह कदम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ समाज की समग्र प्रगति में भी मदद करेगा।

7 सितंबर को होगा शुभारंभ

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 7 सितंबर को इस महत्वाकांक्षी योजना का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। इसी दिन आवेदन प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।
    •    शहरी महिलाएं ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन कर पाएंगी।
    •    ग्रामीण महिलाओं के लिए ऑफलाइन आवेदन की सुविधा होगी, जिसकी जिम्मेदारी जीविका समूहों को दी गई है।

कितनी मिलेगी आर्थिक सहायता?
    •    योजना के पहले चरण में प्रत्येक महिला को 10,000 रुपये सीधे बैंक खाते में दिए जाएंगे।
    •    छह महीने बाद योजना की समीक्षा होगी।
    •    रोजगार से जुड़ी महिलाओं को भविष्य में 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी मिल सकती है।

महिलाओं को मिलेगा सिर्फ पैसा ही नहीं, प्रशिक्षण भी

यह योजना केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं है। सरकार का मकसद महिलाओं को रोजगार और व्यवसाय के लिए जरूरी उद्यमिता, प्रबंधन और तकनीकी प्रशिक्षण देना भी है।
जीविका संगठन इस काम में विभिन्न विभागों और संस्थाओं के साथ साझेदारी करेगा।

आवेदन प्रक्रिया कैसे होगी?
    •    गांवों में: जीविका से जुड़े ग्राम संगठन आवेदन एकत्र करेंगे और मंजूरी के बाद डेटा ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज होगा। इसके बाद राशि डीबीटी के जरिए खातों में भेजी जाएगी।
    •    शहरों में: महिलाएं सीधे ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकेंगी।
    •    जीविका समूह से जुड़ी महिलाएं सीधे आवेदन कर पाएंगी।
    •    जो महिलाएं अभी तक समूह से नहीं जुड़ी हैं, उन्हें पहले ग्राम संगठन से सदस्यता लेनी होगी।

राजनीतिक संदेश भी साफ

विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना महिलाओं को चुनाव से पहले जोड़ने की एक बड़ी रणनीति है। नीतीश सरकार ने साफ किया है कि वह सिर्फ “सहायता देने वाली सरकार” नहीं, बल्कि महिलाओं को “सक्षम बनाने वाली सरकार” बनना चाहती है।

निगरानी और समीक्षा

जीविका के मुख्य कार्यपालक अधिकारी इस योजना की नियमित निगरानी करेंगे। छह महीने बाद योजना का मूल्यांकन होगा और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त आर्थिक मदद भी दी जाएगी। ग्रामीण विकास विभाग इसके लिए अलग दिशा-निर्देश जारी करेगा।

यह योजना महिलाओं के लिए न सिर्फ आर्थिक सहारा बनेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम साबित हो सकती है।