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बिहार चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ा: चिराग पासवान की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात, कानून-व्यवस्था पर सरकार को घेरा

 
जेपी नड्डा or chirag paswan

Bihar: बिहार में जहां एक ओर आगामी विधानसभा चुनावों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक और आपराधिक घटनाओं की बढ़ती श्रृंखला ने माहौल को और अधिक गरमा दिया है। एनडीए की सहयोगी पार्टी लोजपा (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान इन दिनों खासे सक्रिय नजर आ रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की, जो न केवल चुनावी रणनीति के लिहाज से अहम मानी जा रही है, बल्कि इसने राज्य की वर्तमान कानून-व्यवस्था पर उनके तेवरों को और स्पष्ट कर दिया है।

चिराग की चुनावी चाल: 243 सीटों पर तैयारी, लेकिन गठबंधन की ज़मीन अस्थिर?

लोजपा के प्रवक्ता पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि पार्टी बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है। यह बयान एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर चल रही खींचतान की ओर इशारा करता है। ऐसे में चिराग पासवान की जेपी नड्डा से सीधी मुलाकात, इस बात का संकेत हो सकती है कि वे भाजपा नेतृत्व को यह जताना चाहते हैं कि अगर हमें नजरअंदाज किया गया, तो हम अपनी राह खुद बना सकते हैं।

मुलाकात में क्या हुआ?

हालांकि मुलाकात के आधिकारिक ब्योरे साझा नहीं किए गए हैं, लेकिन खुद चिराग पासवान ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:

  • आज नई दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।
  • सूत्रों की मानें तो बैठक में बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था, सीटों की स्थिति, और गठबंधन की चुनावी रणनीति पर भी चर्चा हुई।

पारस हॉस्पिटल शूटआउट: चिराग ने कानून-व्यवस्था को बताया ‘गंभीर संकट’

चिराग पासवान ने बिहार की हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यप्रणाली पर तीखा हमला बोला। पारस हॉस्पिटल में ICU के अंदर हुए शूटआउट को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:

  • बिहार में कानून-व्यवस्था गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। अपराधी अब खुलेआम प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं। प्रतिदिन हत्याएं हो रही हैं, और पुलिस मूक दर्शक बनी है।
  • उन्होंने राज्य सरकार से “कड़े और ठोस कदम” उठाने की मांग की।

NDA के भीतर बढ़ती हलचल: जदयू पर हमलावर, BJP से नजदीकियां

चिराग पासवान की राजनीति हमेशा जदयू और नीतीश कुमार विरोध के इर्द-गिर्द रही है। हालांकि वे एनडीए का हिस्सा हैं, लेकिन लगातार जदयू पर हमले और भाजपा से करीबी मुलाकातें एक नई सियासी पटकथा की ओर इशारा कर रही हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चिराग अपनी राजनीतिक हैसियत और सीटों की संख्या को लेकर भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति में हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जदयू को काफी नुकसान पहुंचाया था, और इस बार फिर से “किंगमेकर” नहीं, बल्कि “किंग” बनने का इरादा रखते हैं।

जल्द होने हैं चुनाव: बीजेपी के लिए यह मुलाकात कितनी अहम?

बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में चुनाव संभावित हैं। ऐसे में गठबंधन के भीतर सामंजस्य और तालमेल बेहद जरूरी होगा। जेपी नड्डा-चिराग मीटिंग को राजनीतिक गलियारों में इस रूप में देखा जा रहा है कि भाजपा अब चिराग को ज़्यादा गंभीरता से लेने लगी है।