जातीय गणना की आर्थिक रिपोर्ट जारी, सवर्णों में सबसे ज्यादा गरीब भूमिहार

बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है. सत्र के शुरू होते ही सदन के पटल पर जाति आधारिक गणना की आर्थिक रिपोर्ट पेश कर दी गई. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस जाति में कितनी गरीबी है. रिपोर्ट की बात करें तो राज्य में सामान्य वर्ग में 25.9 फीसदी परिवार गरीब हैं. सर्वणों में सबसे ज्यादा गरीब भूमिहार और ब्राह्मण परिवार है.
बिहार सरकार की जातीय गणना की रिपोर्ट के मुताबिक सवर्णों की श्रेणी में सात जातियां शामिल हैं. इनमें हिन्दू धर्म की चार जातियां ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत और कायस्थ के अलावा मुसलमान धर्म के शेख, सैयद और पठान शामिल हैं. सरकार ने इन वर्गों की आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य वर्ग यानि सवर्णों में सबसे ज्यादा गरीबी भूमिहारों में है. सरकार के मुताबिक बिहार में 27.58 प्रतिशत भूमिहार आर्थिक रूप से गरीब हैं. उनके कुल परिवारों की संख्या 8 लाख 38 हजार 447 है, जिनमें 2 लाख 31 हजार 211 परिवार गरीब हैं. हिन्दू सवर्णों में गरीबी के मामले में ब्राह्मण दूसरे नंबर पर हैं. सरकार के मुताबिक 25.32 प्रतिशत ब्राह्मण परिवार गरीब हैं. बिहार में ब्राह्मण जाति के कुल 10 लाख 76 हजार 563 परिवार हैं. इनमें से 2 लाख 72 हजार 576 परिवार गरीब हैं.
सवर्णों में गरीबी के मामले में तीसरे नंबर पर राजपूतों की संख्या है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक राजपूतों में 24.89 प्रतिशत आबादी गरीब है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में राजपूतों 9 लाख 53 हजार 447 परिवार हैं, जिनमें 2 लाख 37 हजार 412 परिवार को गरीब माना गया है. वहीं, कायस्थों को सबसे ज्यादा संपन्न बताया गया है. सरकार कह रही है कि बिहार में कायस्थों के सिर्फ 13.83 परसेंट लोग ही गरीब हैं. बिहार में कायस्थों के कुल परिवारों की संख्या 1 लाख 70 हजार 985 है. इसमें 23 हजार 639 परिवार ही गरीब हैं.
सरकार ने मुसलमानों में सवर्ण माने जाने वाली तीन जातियों शेख, पठान और सैयद का भी आर्थिक लेखा जोखा दिया है. सरकार के मुताबिक शेख जाति के 25.84 परसेंट लोग गरीब हैं. शेख जाति के कुल 10 लाख 38 हजार 88 परिवार हैं, जिनमें 2 लाख 68 हजार 398 परिवार गरीब हैं. वहीं, पठान जाति के 22.20 परसेंट परिवार गरीब हैं. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक मुसलमानों के सैयद जाति के 17.61 परसेंट परिवार गरीब हैं.