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गंगा में शिक्षक के बहने पर जागा शिक्षा विभाग, Life Jacket के साथ की गई सरकारी नाव की व्यवस्था

 

पटना के नसीरगंज घाट पर नाव पर चढ़ने के दौरान हुए हादसे में बीपीएससी शिक्षक अविनाश कुमार गंगा में बह गए। जिनकी तलाश अभी तक जारी है। अविनाश नाव से दियारा स्थित स्कूल जा रहे थे। तभी नाव पर चढ़ने के दौरान घटना घटी। जिसके बाद से शिक्षकों को गुस्सा है। क्योंकि घाट पर ना तो एसडीआरएफ की तैनाती रहती है। औ न ही नाव और लाइफ जैकेट्स के इंतजाम होते हैं। इस हादसे के बाद अब प्रशासन की नींद खुली है।

शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन घाटों से शिक्षक, स्कूल कर्मी और बच्चे स्कूल नदी पार कर जाते हैं, उन घाटों पर सरकारी नाव की व्यवस्था की जाये। नाव पर लाईफ जैकेट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराई जाएं। इसकी व्यवस्था सभी जिलों के डीएम करें। इस मामले पर शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव ने पटना सहित तमाम डीएम को पत्र लिखा है।

जिसमें कहा गया है कि राज्य के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों/कर्मियों को विद्यालय आने जाने में नदी पार करने के लिए नाव का इस्तेमाल किया जा रहा है। नाव के समय पर उपलब्ध नहीं रहने की स्थिति में शिक्षक/कर्मियों को अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। जिसको ध्यान में रखते हुए बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में अवस्थित सरकारी विद्यालयों (प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक) में कार्यरत शिक्षक/कर्मियों के विद्यालय आवागमन के संबंध में यह निर्देश दिया कि जिन घाटों से शिक्षक/कर्मी / बच्चे अपने विद्यालय नदी पार कर आते जाते है, उन घाटों पर सरकारी नाव की व्यवस्था की जाय।

नाव पर लाइफ जैकेट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराई जाय, ताकि प्रत्येक सवारी लाइफ जैकेट का प्रयोग अनिवार्य रूप से कर सके। गोताखोर की व्यवस्था भी रहे। लाइफ जैकेट का क्रय जिला प्रशासन द्वारा किया जाय।

विद्यालय जाने एवं लौटने के लिए निर्धारित समय को ध्यान में रख कर नाव खुलने का समय निर्धारित किया जाय, ताकि शिक्षक/कर्मी/बच्चे नाव पर सवार होकर ससमय विद्यालय पहुंच सके एवं घर जा सकें। इस पर होने वाले व्यय आपदा प्रबंधन के माध्यम से नहीं होने की स्थिति में इसका वहन जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा।

आवश्यकता अनुसार इसके लिए आवंटन की मांग की जायेगी। यह व्यवस्था मात्र अगस्त एवं सितम्बर माह के लिए मुख्य रूप से लागू होगी। किन्ही कारणों से अगर ऐसे में शिक्षक/कर्मी विद्यालय निर्धारित समय पर नहीं पहुंचते है तो विलम्ब से दर्ज उपस्थिति मान्य होगी, जिनमें एक घण्टे से ज्यादा विलम्ब नहीं हो। उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।