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13 फरवरी को विधानसभा का घेराव करेंगे नियोजित शिक्षक, सक्षमता परीक्षा के बहाने छंटनी की तैयारी

 

शिक्षक एकता मंच के आह्वान पर आगामी 13 फरवरी को विधानसभा घेराव करने के लिए नियोजित शिक्षक तैयार है. तमाम शिक्षक छुट्टी लेकर के पहुंच रहे हैं और शिक्षा विभाग के फरमान के बावजूद आंदोलन में शामिल होने के लिए कमर कस चुके हैं. इसी कड़ी में रविवार को बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले तमाम नियोजित शिक्षकों के संगठनों के पदाधिकारियों की एक आपात बैठक रविवार को पटना के केदार भवन में आयोजित की गई है.


बैठक के बारे में बताते हुए बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार शिक्षक एकता मंच के संयोजक प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि सक्षमता परीक्षा का विरोध स्पष्ट है. सभी शिक्षक बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा चाहते हैं. दक्षता परीक्षा पास करने पर उनकी सेवा 60 साल के लिए बहस हुई थी तो सक्षमता परीक्षा के नाम पर सरकार शिक्षकों के छंटनी की योजना बना रही है.

ऑनलाइन सक्षमता परीक्षा के विरोध में शिक्षकों ने फॉर्म नहीं भरा है. बीती रात जिस प्रकार शिक्षकों ने मसाल जुलूस निकाला. उसे उन्होंने बताया है कि वह अब आर पार के लिए तैयार हैं. 13 फरवरी को गर्दनीबाग में सभी शिक्षक जुटेंगे और विधानसभा का घेराव करेंगे. प्रदेश के सभी जिलों से शिक्षक आएंगे और इसको लेकर के सोमवार से ही शिक्षकों के पटना पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा.

बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले नियोजित शिक्षकों की मांगे क्या है, जानिए…

1- नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिए जाने के लिए आयोजित होने वाले सक्षमता परीक्षा में तीन जिलों का विकल्प निरस्त करते हुए ऐच्छिक स्थानांतरण का प्रावधान करना चाहिए. अनिवार्य स्थानांतरण के लिए विकल्प का प्रावधान समाप्त हो.

2- सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन लिए जाने में कई सारी व्यावहारिक दिक्कतें हैं. अधिकांश नियोजित शिक्षक कंप्यूटर चलाने की जानकारी नहीं रखते हैं इसलिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन ऑफलाइन किया जाए.

3- शिक्षा विभाग द्वारा गठित कमेटी के द्वारा की गई अनुशंसा जिसमें तीन बार में सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने पर सेवामुक्त कर देने का प्रावधान है, उसको निरस्त किया जाना चाहिए.

4- राज्यकर्मी बनने के उपरांत सभी नियोजित शिक्षकों की समानुपातिक वेतन वृद्धि होनी चाहिए. एक न्यूनतम वेतन वृद्धि की गारंटी सबको की जानी चाहिए.