वैशाली में सीएम के काफिले ने पकड़ा फर्जी ‘एंटी करप्शन’ अधिकारी, टोल प्लाजा पर मचा हंगामा
वैशाली ज़िले में शुक्रवार को एक अजीब वाकया सामने आया। एनएच-22 के पटेढ़ा सराय टोल प्लाज़ा पर एक सफेद स्कॉर्पियो गाड़ी वीआईपी लेन में टोल देने से इंकार कर रही थी और टोलकर्मियों से जोरदार बहस कर रही थी। तभी पीछे से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला वहां आ पहुंचा और पूरा मामला पल भर में बदल गया।
सीएम पुनौरा धाम, सीतामढ़ी से पटना लौट रहे थे। जैसे ही उनका काफिला टोल प्लाज़ा पर पहुंचा, सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत संदिग्ध गाड़ी को घेर लिया। जांच में पता चला कि गाड़ी के शीशे पर पुलिस का लोगो और बड़े अक्षरों में “एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया” लिखा हुआ था। आगे के बोर्ड पर खुद को “डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर (पटना), अंडर आईटीए एंड नीति आयोग” बताया गया था, जबकि पीछे “भारत सरकार” की सील लगी थी।
गाड़ी चला रहा शख्स, दीपक प्रसाद (निवासी छोटी खगौल, पटना) खुद को एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया का सदस्य बता रहा था, लेकिन उसके पास इसकी कोई ठोस पहचान या वैध दस्तावेज नहीं थे। पुलिस की जांच में गाड़ी पर लगे सभी प्रतीक और पहचान चिह्न फर्जी निकले।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने सरकारी लोगो और पदनाम का गलत इस्तेमाल कर वीआईपी सुविधाएं लेने की कोशिश की थी। सुरक्षाकर्मियों ने मौके पर ही गाड़ी जब्त कर ली और आरोपी को सराय थाना पुलिस के हवाले कर दिया।
थानाध्यक्ष मणिभूषण ने बताया कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच जारी है।
यह घटना साफ इशारा देती है कि अब फर्जी पहचान के सहारे कानून से बच निकलना आसान नहीं, खासकर तब जब सामने मुख्यमंत्री का काफिला खड़ा हो।







