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Fake certificate scandal: नीतीश कुमार की फोटो लगाकर सिस्टम से खिलवाड़!

 
नीतीश कुमार

Bihar: बिहार में अब अपराधी सिर्फ बंदूक और बम से नहीं, बल्कि कीबोर्ड से वार कर रहे हैं। ताज़ा मामला ऐसा है जिसने न सिर्फ प्रशासन को चौंकाया, बल्कि सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा को भी निशाने पर लिया। घटना सरैया अंचल की है, जहां तेज-तर्रार राजस्व अधिकारी अभिषेक सिंह ने ऑनलाइन प्रमाणपत्र निष्पादन के दौरान एक अजीबो-गरीब आवेदन पकड़ लिया। आवेदन में नाम लिखा था

  • नाम: नीतीश कुमारी
  • पिता: लखन पासवान
  • माता: लकिया देवी
  • और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कि तस्वीर भी लगी।                   

पहली नजर में ये किसी मजाक या टेक्निकल गलती जैसा लगा, लेकिन जब अधिकारी ने आगे जांच की, तो सामने आया एक बड़ा फर्जीवाड़ा। मामला फौरन थाने पहुंचा और "ऑनलाइन अज्ञात साजिशकर्ता" के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। क्राइम इन्वेस्टिगेशन की जिम्मेदारी एसआई अनिल कुमार को दी गई है।

क्या है इस फर्जीवाड़े के पीछे की मंशा?
अब ये सिर्फ किसी का मजाक उड़ाना नहीं लगता। अधिकारियों का मानना है कि ये एक सोची-समझी साज़िश है, जिसमें मुख्यमंत्री की फोटो और पहचान का इस्तेमाल कर सिस्टम को बदनाम करने की कोशिश की गई है। ये सीधा डिजिटल प्लेटफॉर्म के भरोसे पर हमला है।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
कुछ ही हफ्ते पहले एक कुत्ते के नाम से आवासीय प्रमाणपत्र बना था। तब पूरे देश में बिहार की डिजिटल व्यवस्था का मजाक उड़ाया गया। और अब जब खुद मुख्यमंत्री की फोटो से छेड़छाड़ हो रही है, तो सवाल उठना लाज़मी है, आम आदमी के दस्तावेज कितने सुरक्षित हैं?

प्रशासन अलर्ट पर, लेकिन सिस्टम सवालों के घेरे में
थाना अध्यक्ष सुभाष मुखिया ने पुष्टि की है कि जांच तेजी से चल रही है। प्रशासन अब ऐसे डिजिटल अपराधों को लेकर सतर्क हो गया है, लेकिन यह घटना यह बताती है कि ऑनलाइन सिस्टम में अभी भी कई खामियां हैं, जिनका फायदा उठाकर अपराधी अपना खेल खेल रहे हैं।

सबक और सवाल

  • क्या डिजिटल इंडिया में अब अपराध भी डिजिटल होंगे?
  • जब सीएम की पहचान से छेड़छाड़ हो सकती है, तो बाकी आम लोगों की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा? 
  • क्या सिस्टम में ऐसे फर्जीवाड़ों को रोकने के लिए कोई मजबूत चेकिंग व्यवस्था है?