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फर्जी वोटरों की छुट्टी! SIR पर ललन सिंह का बड़ा बयान, विपक्ष पर सीधा हमला-डर क्यों रहे हो?

 
लालन सिंह

Patna: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट की सफाई को लेकर सियासत गरमा गई है। चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर जहां केंद्र सरकार और जेडीयू इसका समर्थन कर रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे वोटर हटाने की साज़िश बता रहा है।

केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने साफ तौर पर SIR प्रक्रिया को लोकतंत्र की मजबूती से जोड़ा है। उनका कहना है कि ये अभियान पूरी तरह संवैधानिक और ज़रूरी है ताकि फर्जी वोटर, डुप्लिकेट नाम, और स्थायी रूप से विदेश में रहने वाले लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकें।

ललन सिंह का सवाल

पत्रकारों से बातचीत में ललन सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "क्या देश में फर्ज़ी वोटरों के सहारे चुनाव करवाए जाएं? अगर कोई दो जगह वोटर है या कोई भारत का नागरिक नहीं है, तो उसे हटाना गलत कैसे हो सकता है?"

उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि जो लोग स्थायी रूप से विदेश में बस गए हैं, उनके नाम भारतीय मतदाता सूची में क्यों बने रहें? इस पूरी प्रक्रिया को संविधान के अनुरूप बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे देश में स्वस्थ और निष्पक्ष चुनाव की नींव मजबूत होगी।

विपक्ष को क्यों हो रहा है डर?

ललन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा, "जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें डर किस बात का है? अगर आप सही हैं तो डर क्यों?"

उनके मुताबिक, जनता इस प्रक्रिया का समर्थन कर रही है और चुनाव आयोग को भी पूरी छूट मिलनी चाहिए कि वह वोटर लिस्ट को शुद्ध कर सके।

प्रह्लाद जोशी ने भी कांग्रेस पर किया हमला

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस और INDIA गठबंधन सिर्फ हार के डर से EVM और चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर रहे हैं। जब-जब हार सामने नजर आती है, तभी ये लोग EVM और चुनाव आयोग पर शक करते हैं। पहले भी ऐसा होता रहा है, और अब भी हो रहा है।

संसद में विपक्ष का पांचवां दिन विरोध प्रदर्शन

इससे पहले शुक्रवार को INDIA गठबंधन के सांसदों ने संसद के बाहर मकर द्वार पर SIR प्रक्रिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन लगातार पांचवें दिन जारी रहा। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, और कई वरिष्ठ नेता इस प्रदर्शन में शामिल हुए और इसे लोकतंत्र पर हमला बताया।