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बिहार में बाढ़ से हाहाकार, देखिए कैसे जगने को मजबुर हैं लोग! CM ने लिया एक्शन

 
नीतीश कुमार

Patna: बिहार में गंगा समेत कई नदियां उफान पर है और लगातार बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन हो गए हैं. लाखों लोग घर से बेघर हो गए और सड़क पर जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं. रात को डर के साए में नींद लेनी पड़ रही है न जाने कब पानी का बाहाव उनके घर को बहा ले जाए. कोसी, सिमांचल और पूर्व बिहार के जिलों में बाढ़ कि स्तिथि अब भी गंभीर बनी हुई है. गंगा और कोसी में बढ़े जलस्तर कि वजह से कराक्का बैराज के सभी 109 फाटक खोल दिए गए हैं. 

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वहीं, बात पटना कि करे तो बीते दिन बुधवार को दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर अब खतरे के निशान से 7 सेमी नीचे आ गया है. वीरपुर बराज से कोसी नदी में 1.79 क्यूसेक और वाल्मिकी नगर बराज से गंडक में 1.16 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. 

बीते दिन सीएम नीतीश 16 लाख से अधिक ग्रामीणों से विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे. जहां उन्होंने सभी ने समस्याओं को सुना और समझा. जिसके बाद उन्होंने रहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने का आदेश दिया है. इसके अलावा, उन्होंने कहा, पीड़ितों को जीआर के पैसे दिए जाए और प्रशासन को भी अलर्ट रहने का आदेश दिया है. फसल क्षति का भी भुगतान हो और टूटी सड़कों की मरम्मत हो. 

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आपको बता दें कि आपदा प्रबंधक विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को बताया कि 10 जिलों के 348 पंचायतों के 25 लाख लोग बाढ़ से पीड़ित हैं. जिसके राहत-बचाव के लिए NDRF की 7 और SDRF की 9 टीमें तैनात हैं. 

बाढ़ रहत कैंप में SOP (मानक ऑपरेटिंग प्रक्रिया) के अनुसार, व्यवस्था कि गई है. आनुग्राहिक रहत राशी (GR) देने के लिए डीएम को सूचि बनाने का निर्देश दिया गया है. 

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इसके अलावा आज सीएम नीतीश कुमार बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा ले रहे हैं. अनुमान लगाया जा रहे है कि स्तिथि को देखते हुए नीतीश कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं. जो बाढ़ से ग्रसित ओर्लोगों के लिए अच्छी खबर हो सकती है.