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बिहार में पहली बार बेरिएट्रिक-मेटाबोलिक की सर्जरी सफल, इलाज के बाद घटा 10 किलो वजन

 

पटना जिले के बिहटा के अमहरा स्थित NMCH में बिहार के पहला बेरिएट्रिक व मेटाबोलिक सर्जरी चिकित्सक डॉ. निरुपम सिन्हा व उनके डॉक्टर्स टीम के द्धारा पटना निवासी बेबी देवी (39) का बेरिएट्रिक सर्जरी से सफल ऑपरेशन किया गया।

बेबी देवी ने कहा कि बिहार के विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा कर थक हार गई थी, लेकिन मोटापा से छुटकारा नहीं मिल पाया लेकिन बिहटा के NSMCH में कम खर्च पर बेहतर इलाज मिल गया। इलाज के बाद करीब दस किलो वजन घट गया है। डॉ .निरुपम ने बताया कि सामान्य रूप से मरीज का बाडी मास इंडेक्स-बीएमआई 25 होना चाहिए, जबकि इस मरीज का 51 तक पहुंच गया था। मानक से ढाई गुना वजन की वजह से सर्जरी के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

डॉ. निरुपम ने कहा कि मोटापा मानव शरीर की अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण होता है। मोटापा एक अभिशाप है, जिसकी चपेट में 10-15 प्रतिशत आबादी आ चुकी है। लेकिन मोटापा एक सीमा से ज्यादा बढ़ने पर बेरियेट्रिक सर्जरी ही इलाज का एकमात्र विकल्प है। बेरिएट्रिक सर्जरी को वजन घटाने की सर्जरी भी कहा जाता है। सर्जिकल ऑपरेशन की यह एक श्रेणी है। उन्होंने बताया कि मोटापा से हार्ट, किडनी, कैंसर, ब्लडप्रेशर, शुगर, लिवर एवं स्ट्रोक समेत कई अन्य बीमारियों का खतरा कई गुना बना रहता है। ऐसे में वजन कम रखना सर्वाधिक जरूरी है।

उन्होंने बताया कि बेरिएट्रिक सर्जरी छोटे चीरे, तेजी से उपचार और पारंपरिक ओपन सर्जरी की तुलना में कम दर्द और काम घाव देने वाला है। इस मौके पर जेनरल सर्जरी एचओडी डॉ. सीएम नारायण, डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. प्रशांत, डॉ. आशुतोष ने बधाई देते हुए कहा कि अब बिहटा में समान रूप से मरीजों का इलाज कर मोटापे से निपटने के लिए डॉ. निरुपम मिल का पत्थर साबित होंगे। वही कॉलेज के मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्ण मुरारी सिंह ने कहा कि एनएसएमसीएच बेरिएट्रिक सर्जरी कराने वाले मरीज को पचास प्रतिशत की छूट दी जा रही है। जो मार्केट रेट से आधी है।