रोजगार से राजमार्ग तक: 2025 चुनाव से पहले विकास का मिशन लॉन्च
Patna: बिहार में चुनावी हवा से पहले नीतीश सरकार ने विकास की रफ्तार तेज कर दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 41 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। फैसले ऐसे हैं जो युवाओं, महिलाओं, पत्रकारों, किसानों और आम जनता के जीवन से सीधे जुड़ते हैं।
एक ओर जहां नौकरी और नई भर्तियों से बेरोजगारों को उम्मीद मिली है, वहीं बुनियादी ढांचे और सामाजिक योजनाओं को मजबूती देकर चुनावी समीकरणों को साधने की कोशिश साफ नजर आ रही है।
नौकरी और युवा शक्ति पर फोकस
- बिहार राज्य युवा आयोग में 6 नए पदों को मंजूरी मिली है। इससे युवाओं की आवाज़ नीतियों तक पहुंचेगी और भागीदारी बढ़ेगी।
- प्रखंड कृषि अधिकारियों की नियुक्ति को हरी झंडी मिली है, जो लंबे समय से रुकी हुई थी।
महिलाओं के लिए 'कन्या उद्योग योजना' को मंजूरी
ग्रामीण इलाकों की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कन्या उद्योग योजना लागू की जाएगी। इसके तहत स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा और बेटियां खुद अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगी।
पत्रकारों के लिए राहत भरी खबर
पत्रकार पेंशन योजना में बड़ा बदलाव किया गया है। अब तक जहां पत्रकारों को ₹6000 मिलते थे, अब यह राशि बढ़ाकर ₹15,000 प्रति माह कर दी गई है। यह फैसला उन पत्रकारों के लिए है, जिन्होंने ज़मीन से जुड़ी पत्रकारिता की और अब सम्मान की उम्मीद कर रहे हैं।
खिलाड़ियों के लिए इंटरनेशनल स्तर की सुविधा
राजगीर में खेल अकादमी के लिए 1100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इससे बिहार के खिलाड़ी अब बेहतर ट्रेनिंग और सुविधाओं के साथ तैयार हो सकेंगे।
माताओं और बच्चों के लिए पोषण योजना को नई ताकत
आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 योजना को लेकर सरकार ने 115 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसका फायदा सीधे महिलाओं और बच्चों को मिलेगा। इससे पोषण स्तर सुधारने में मदद मिलेगी।
सड़कों और पुलों पर भी सरकार का बड़ा निवेश
- राम मनोहर लोहिया पथ निर्माण के लिए ₹675.50 करोड़
- छपरा फ्लाईओवर के लिए ₹696.26 करोड़
- एम्स पटना से दीघा तक रेल व सड़क पुल निर्माण को मंजूरी
- इन परियोजनाओं से राज्य की कनेक्टिविटी और यातायात व्यवस्था मजबूत होगी।
कृषि और गन्ना उद्योग पर सरकार की नजर
- ईंख सेवा व भर्ती नियमावली 2025 को मंजूरी मिली है।
- गन्ना किसानों को इससे तकनीकी और प्रशासनिक सहूलियतें मिलेंगी।
- ग्रामीण कार्य विभाग की प्रयोगशाला नियमावली भी स्वीकृत की गई है।
सीताकुंड मेला को मिला राष्ट्रीय दर्जा
मुंगेर के ऐतिहासिक सीताकुंड मेले को अब राष्ट्रीय मेला घोषित कर दिया गया है। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
स्वास्थ्य विभाग में सख्ती: 7 डॉक्टर बर्खास्त
कैबिनेट ने 7 डॉक्टरों को सेवा से हटाने का निर्णय लिया है। ये डॉक्टर लंबे समय से बिना ड्यूटी गायब थे और जवाबदेही से बचते आ रहे थे। सरकार के इस कदम से यह साफ हो गया है कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
नीति भी, नीयत भी और नजरें चुनाव पर भी
कैबिनेट के ये फैसले सिर्फ कागजों पर योजनाएं नहीं हैं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर असर डालने वाले कदम हैं। इनमें रोजगार, महिला सशक्तिकरण, खेल, पोषण और आधारभूत विकास जैसे मुद्दे शामिल हैं जो सीधे जनता से जुड़े हैं।
इन निर्णयों से साफ है कि नीतीश सरकार ने अब पूरी तैयारी के साथ 2025 के चुनावी मैदान में उतरने का मन बना लिया है।







