बिहार में धान अधिप्राप्ति पर सरकार का फोकस तेज़, लक्ष्य 36.5 लाख मीट्रिक टन- किसानों को 48 घंटे में भुगतान का निर्देश
Bihar News: बिहार सरकार ने खरीफ विपणन मौसम 2025-26 के लिए धान अधिप्राप्ति प्रक्रिया को तेज़ और पारदर्शी बनाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। राज्यभर में 1 नवंबर से उत्तर बिहार के 19 जिलों में और 15 नवंबर से शेष 19 जिलों में विकेन्द्रीकृत धान खरीद कार्यक्रम शुरू हो चुका है। यह पूरा अभियान खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की नई मार्गदर्शिका के अनुरूप संचालित किया जा रहा है।
किसानों को मिलेगा MSP और गनी बैग का अलग भुगतान
सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) इस प्रकार तय किया है:
• साधारण धान: ₹2369 प्रति क्विंटल
• ग्रेड-A धान: ₹2389 प्रति क्विंटल
इसके अलावा किसानों को प्रति क्विंटल ₹25 गनी बैग शुल्क के रूप में अलग से मिलेगा। पैक्स और व्यापार मंडल किसानों से धान खरीदने के बाद उनका भुगतान सहकारी बैंकों के माध्यम से करते हैं, जिसे सरकार की ओर से राजकीय गारंटी दी जाती है।
सब कुछ ऑनलाइन: निबंधन से लेकर भुगतान तक
धान अधिप्राप्ति की संपूर्ण प्रक्रिया- निबंधन, धान खरीद, भुगतान, मिलिंग के बाद चावल (CMR) की आपूर्ति और सरकारी भुगतान पूरी तरह ऑनलाइन की जा रही है।
किसानों के लिए बड़ी राहत की बात यह है कि पिछले वर्ष निबंधित 8 लाख से अधिक किसानों को इस बार दोबारा निबंधन नहीं कराना होगा। नए किसान प्रखंड के फैसिलिटेशन सेंटर में निबंधन करवा सकेंगे।
धान अधिप्राप्ति 2025-26: अब तक की प्रगति (04 दिसंबर 2025 तक)

कलेक्टरों और अधिकारियों को सख्त निर्देश
विभागीय समीक्षा के बाद सरकार ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि:
• सभी योग्य समितियों को तुरंत सक्रिय किया जाए।
• धान खरीदने के बाद 48 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान हर हाल में मिले।
• पैक्स/व्यापार मंडल किसानों को धान खरीद की संभावित तारीख पहले से बताएं।
• सहकारिता प्रसार पदाधिकारी प्रतिदिन समितियों का निरीक्षण करें और किसानों को जागरूक करें।
• राइस मिलों का भौतिक सत्यापन जल्द पूरा कर उनकी क्षमता के अनुसार समितियों से सम्बद्धता तय की जाए।
जिला सहकारिता पदाधिकारियों और संयुक्त निबंधक को सप्ताह में कम से कम तीन दिन मैदानी भ्रमण कर प्रगति की समीक्षा करने का निर्देश मिला है।
कैश क्रेडिट में कमी नहीं होने दी जाएगी
सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों को स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी समिति को धान खरीद के दौरान कैश-क्रेडिट की कमी महसूस नहीं होनी चाहिए। इसके लिए प्रतिदिन तीन बार समीक्षा अनिवार्य की गई है ताकि किसानों को तुरंत भुगतान हो सके।
शिकायतों के लिए हेल्पलाइन सक्रिय
सहकारिता विभाग ने किसानों की सहायता के लिए
• IVRS Call Centre ‘सुगम’ – 1800 1800 110
• कंट्रोल रूम – 0612-2200693
सक्रिय रखा है।
मंत्री ने की समीक्षा, पारदर्शिता पर जोर
सहकारिता मंत्री ने 1 से 4 दिसंबर तक सभी प्रमंडलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से स्पष्ट कहा—
• “धान अधिप्राप्ति सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। किसी किसान को बिना धान बेचे लौटना नहीं चाहिए।”
• “खरीद प्रक्रिया में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी; दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।”
सरकार ने खरीफ विपणन मौसम 2025-26 के लिए 36.5 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया है और सभी जिलों को इसे हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।







