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सूख गए सैकड़ों चपाकल, BDO ने सीतामढ़ी डीएम को भेजा त्राहिमाम पत्र

 

 बिहार में भीषण गर्मी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। धीरे-धीरे गर्मी बढ़ ही रही है। भू-जल का स्तर लगातार नीचे जा रहा है। नतीजतन चपाकल सूख रहे हैं। लोगों के बीच पानी के लिए हाहाकार का हाल है। पेयजल का संकट उत्पन्न होने से लोग काफी परेशान हैं। फिलहाल ऐसी स्थिति सीतामढ़ी जिले के परिहार और बोखड़ा प्रखंड में उत्पन्न है। दरअसल, इस बार बारिश कम होने से भू-जल स्तर के नीचे जाने से पानी की समस्या कुछ अधिक बढ़ गई है।

फिलहाल पानी का सबसे अधिक संकट बोखड़ा प्रखंड में है। यहां के आधा दर्जन पंचायतों में पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। मुखियाओं की शिकायत पर बीडीओ ने डीएम को त्राहिमाम पत्र भेजा है। उन्होंने पानी की किल्लत की वस्तुस्थिति से डीएम को अवगत कराने के साथ ही टैंकर से पानी का उपाय कराने का आग्रह किया है। बीडीओ ने डीएम को यह भी जानकारी दी है कि नल जल योजना काम नही कर रहा है। इसके चलते भी पानी की यह समस्या अधिक गंभीर हो गई है।

पानी के लिए हाहाकार की स्थिति बोखड़ा प्रखंड की आधा दर्जन पंचायत बनौल, सिंहाचौड़ी, बोखड़ा, बाजितपुर भाऊर, चकौती और खड़का बसंत दक्षिणी शामिल है। बीडीओ ने डीएम को जानकारी दी है कि इनमें से बनौल पंचायत पूर्ण रूपेण प्रभावित है। यानी पेयजल संकट से पूरी तरह प्रभावित है। विभिन्न पंचायतों के मुखिया ने बीडीओ को जानकारी दी है कि उनके पंचायतों में चपाकल लगातार सूख रहे हैं, जिसके चलते पीने के पानी की समस्या बढ़ती जा रही है।

बोखड़ा पंचायत के वार्ड संख्या- 7, 9,10 और 12 के लोगों ने बीडीओ को संयुक्त रूप से आवेदन देकर कहा है कि उनके वार्डों का चपाकल सूख गया है। नल जल योजना का पानी टंकी अबतक नहीं लगा है। इस कारण भी पानी की समस्या अधिक बढ़ गई है। पंकज किशोर पवन बुधनगरा गांव के हैं, बताया कि उनका भी चपाकल सूख गया है। बोखड़ा मुखिया कुमारी अर्चना ने बताया है कि वार्ड तीन से दस तक के सभी चपाकल सूख गए हैं। नल जल योजना भी खराब है। वार्ड आठ की नल जल योजना सोलर से संचालित थी, जो फिलहाल ठप है। इसे चालू कराने की जरूरत है। मुखिया ने टैंकर से पानी की व्यवस्था और करीब 10 स्थानों पर नया चपाकल लगाने की मांग बीडीओ से की है।

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