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जीतन सहनी को मारने वाला पकड़ा गया, सामने आई आधी रात को हुई पूरी थ्योरी

 

बिहार पुलिस ने प्रदेश के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या के मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. जीतन सहनी (70) की सोमवार रात दरभंगा जिले में उनके पैतृक घर पर धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी गई थी. 

दरभंगा पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘आरोपी की पहचान सुपौल बाजार इलाके के निवासी काजिम अंसारी (40) के रूप में हुई है.  इसी इलाके में पूर्व मंत्री का पैतृक घर भी स्थित है. अंसारी ने अपराध में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली है.’ दरभंगा के एसएसपी जे रेड्डी ने बुधवार को खुलासा किया कि मोहम्मद काजिम अंसारी नाम के शख्स ने कर्ज के जाल में फंसकर सहनी की हत्या कर दी. 

घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए दरभंगा के एसएसपी ने कहा: “अंसारी ने मृतक से 2022 में ₹1,00,000 का नकद लोन लिया था. उसने 2023 में ₹50,000 और लिए. उसने इसके बदले में सहनी को भूखंड क गिरवी रखा था, जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया. काजिम का कपड़े का कारोबार बंद हो गया और वह बेरोजगार हो गया. उसे लोन पर लिए गए पैसों के लिएर चार प्रतिशत ब्याज देना पड़ा, जो उसे खटक रहा था और इससे छुटकारा पाने के लिए उसने हत्या की साजिश रची.” 

दरभंगा के एसएसपी ने कहा कि मृतक और आरोपी के बीच इसी मुद्दे पर कुछ दिन पहले तीखी नोकझोंक हुई थी. एसएसपी ने बताया कि आरोपियों ने अपने साथ कुछ और लोगों को शामिल कर सहनी के रेकी की, जिसकी रिकॉर्डिंग घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. माना जा रहा है कि उसी रात रेकी करने के बाद आरोपी के बाद आरोपी मृतक के घर में घुस गया, जब बिजली चले गई थी. 

दरभंगा के एसएसपी जे रेड्डी ने बताया, "आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर गिरवी रखे दस्तावेजों वाले लाल बक्से की चाबियां मांगी, जिसका मृतक ने कड़ा विरोध किया. उन्होंने मृतक की बेरहमी से हत्या करने के बाद गिरवी रखे गए संपत्ति के दस्तावेजों वाले लाल बक्से को छीनने की कोशिश की, लेकिन वजन अधिक होने के कारण उन्हें बक्से को पास के तालाब में फेंकना पड़ा."  

अंसारी की गिरफ्तारी को पुख्ता करने वाले परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को रेखांकित करते हुए एसएसपी ने कहा: "नाखूनों और कपड़ों पर खून के धब्बे मिले हैं. और लोगों से पूछताछ की जा रही है, जबकि कई अन्य लोगों पर निगरानी रखी जा रही है." इस बीच, मृतक के बेटे और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश साहनी ने दावा किया कि उनके पिता लोगों की नकद और अन्य तरीके से मदद करते थे और कभी भी साहूकारी के धंधे में शामिल नहीं थे.