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"लैंड फॉर जॉब" घोटाला: लालू परिवार की बढ़ी मुश्किलें, CBI चार्जशीट में बड़े खुलासे

 
लालू परिवार कि बढ़ी मुश्किलें

Patna: बिहार की सियासत में फिर हलचल मच गई है। "लैंड फॉर जॉब" यानी नौकरी के बदले ज़मीन देने वाले चर्चित मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। CBI ने इस घोटाले में एक बार फिर नया मोड़ लाते हुए कोर्ट में ताज़ा चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कई हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए हैं।

यह है पूरा मामला 

CBI का दावा है कि जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब रेलवे में नौकरी देने के बदले लोगों से ज़मीन ली गई। ये ज़मीन लालू यादव के बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के नाम पर "गिफ्ट" के तौर पर दर्ज करवाई गई। चार्जशीट के अनुसार, 14 जून 2005 को एक बिहार निवासी ने अपने बेटे को रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए अपनी दो प्लॉट की ज़मीन तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के नाम कर दी। उस समय दोनों बेटे नाबालिग थे, इसलिए कागज़ों में राबड़ी देवी को अभिभावक दिखाया गया।

चार्जशीट में क्या-क्या खुलासे हुए?

CBI ने बताया कि ज़्यादातर ज़मीन बहुत ही कम कीमत पर, यानी सरकारी सर्कल रेट से भी नीचे के रेट पर दी गई है। एक उदाहरण में 2008 में एक ज़मीन जिसकी सरकारी कीमत ₹4.21 लाख थी, उसे ₹3.75 लाख में दिखाया गया। CBI का यह भी कहना है कि लगभग सभी ज़मीनें नकद में खरीदी गईं, लेकिन किसी लेन-देन का ठोस रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। चार्जशीट में यह भी दावा किया गया कि लालू यादव के करीबी सहयोगी भोला यादव गांव-गांव जाकर लोगों से ज़मीन लेते थे और बदले में रेलवे में नौकरी दिलाने का वादा करते थे।

कौन-कौन हैं आरोपी?

CBI की इस चार्जशीट में केवल लालू यादव ही नहीं, बल्कि पूरा परिवार घिरा हुआ नजर आता है। इस मामले में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनमें शामिल हैं:

  1. लालू प्रसाद यादव
  2. राबड़ी देवी
  3. तेजस्वी यादव
  4. तेज प्रताप यादव
  5. मीसा भारती
  6. हेमा यादव

इसके अलावा अन्य कई सहयोगी इसमें शामिल हैं।
 
तेजस्वी यादव की राजनीति पर असर?

आपको बता दें कि CBI की जांच और कोर्ट में दाखिल यह चार्जशीट तेजस्वी यादव के राजनीतिक सफर के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। तेजस्वी, जो हाल ही में उपमुख्यमंत्री पद से हटे हैं और राज्य में विपक्ष के सबसे प्रभावशाली चेहरे माने जाते हैं, अब खुद कानूनी घेरे में आ गए हैं। इस मामले में अब गिरफ्तारी की तलवार लटकती नजर आ रही है। CBI की यह रिपोर्ट बताती है कि घोटाले की जड़ें गहरी हैं और इसमें लालू परिवार की संलिप्तता पर गंभीर सवाल खड़े होते दिख रहे हैं। अब देखना होगा कि आगे और कौन-कौन से खुलासे होने बाकि हैं।