महागठबंधन को मुकेश सहनी की खुली चेतावनी: 2025 में 60 सीटों पर लड़ेंगे
Patna: बिहार की सियासी जमीन एक बार फिर हिली है। "सन ऑफ मल्लाह" के नाम से मशहूर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने एक बड़ा चुनावी एलान कर दिया है कि 2025 विधानसभा चुनाव में हम 60 सीटों पर लड़ेंगे!
यह सिर्फ संख्या नहीं है, महागठबंधन के लिए एक खुली चुनौती है। और साफ संकेत भी वीआईपी अब किसी के भरोसे नहीं, अपने दम पर सत्ता की दहलीज पर दस्तक देगा।
अभी तो सीट शेयरिंग की बात शुरू भी नहीं हुई... और शर्तें आ गईं
राजनीतिक गलियारों में यह माना जा रहा था कि वीआईपी इस बार महागठबंधन के साथ सीटों पर 'बातचीत' करेगा। लेकिन सहनी ने बातचीत से पहले ही सीधी डील की भाषा में बात रख दी-"60 सीटें चाहिए, नहीं तो हम देख लेंगे मैदान में!"
इस बयान ने महागठबंधन के अंदरूनी समीकरणों को झकझोर दिया है। अभी तक जो बातें बंद कमरों में होनी थीं, वो अब जनता के सामने एलान की शक्ल में हैं।
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इस मौके पर मुकेश सहनी ने एनडीए को भी खुली चुनौती दी। उन्होंने कहा, "उन्होंने हमारे 4 विधायक छीन लिए, अब हम उनके 40 विधायक छीनेंगे!"
ये सिर्फ बयान नहीं, बल्कि एक सीधी सियासी चेतावनी है। सहनी ने यह भी दिखा दिया कि वे भावनात्मक और जातीय जनाधार दोनों को साथ लेकर चल रहे हैं।
निषाद समाज की आवाज़ बनने की तैयारी
मुकेश सहनी लंबे वक्त से निषाद आरक्षण और पिछड़े वर्ग के हक की बात करते आए हैं। उनका फोकस अब साफ है:
- निषाद
- अति पिछड़ा वर्ग
- वंचित समुदाय
ये तबका बिहार में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। सहनी इसी आधार पर 2025 में “किंगमेकर” नहीं, सीधे “किंग” बनने की कोशिश में हैं।
2020 का अनुभव, 2025 की तैयारी
2020 में सहनी एनडीए के साथ मिलकर सत्ता का स्वाद चख चुके हैं। लेकिन अब उन्होंने तय कर लिया है
सहयोगी बनकर नहीं, अब निर्णायक बनकर उतरना है।
उनका ये बदला हुआ रुख बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है। 60 सीटें मांगने का मतलब है सिर्फ हिस्सेदारी नहीं, मजबूती से मौजूदगी की तैयारी।
बड़ा सवाल: क्या महागठबंधन मानेगा उनकी बात?
अब निगाहें इस पर हैं कि: क्या राजद और कांग्रेस वीआईपी को इतनी सीटें देने को तैयार होंगे? या फिर ये टकराव तीन-तरफा मुकाबले में बदल जाएगा?







