Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana: 10 हजार की मदद के लिए 31 दिसंबर आख़िरी तारीख, समय पर आवेदन ज़रूरी
Mahila Rojgaar Yojna: राज्य में महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में चलाई जा रही मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना एक बार फिर चर्चा में है। सरकार ने साफ कर दिया है कि इस योजना के तहत मिलने वाली 10 हजार रुपये की सहायता राशि के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तय की गई है। तय समय के भीतर आवेदन करने वाली महिलाएं ही इस योजना का लाभ ले सकेंगी। शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों की महिलाएं इस तारीख तक आवेदन कर सकती हैं।
सरकार के इस फैसले को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। योजना के तहत केवल शुरुआती सहायता राशि ही नहीं, बल्कि आगे चलकर महिलाओं को अपना रोजगार शुरू करने और आगे बढ़ाने के लिए दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त मदद देने की तैयारी है। यह राशि एक साथ नहीं दी जाएगी, बल्कि अलग-अलग किस्तों में मिलेगी। जीविका से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, रोजगार शुरू होने और उसके संचालन की समीक्षा के बाद ही अगली किस्त जारी की जाएगी, ताकि योजना का सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
सरकार का फोकस सिर्फ आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे वे इस राशि का सही इस्तेमाल कर सकें। आंकड़ों के मुताबिक, अब तक राज्य की करीब 1 करोड़ 56 लाख महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की सहायता राशि दी जा चुकी है, जो इस योजना के व्यापक प्रभाव को दर्शाता है।
अगर जिलावार स्थिति देखें तो पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर और मधुबनी में सात लाख से अधिक महिलाओं को योजना का लाभ मिल चुका है। पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर और पटना में यह आंकड़ा छह लाख के पार है, जबकि गया, कटिहार, सारण और अररिया में करीब पांच-पांच लाख महिलाएं इस योजना से जुड़ी हैं। कई अन्य जिलों में भी तीन से चार लाख महिलाओं तक सहायता पहुंच चुकी है।
हालांकि, योजना के क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियां भी सामने आई हैं। करीब दस लाख महिलाओं को अब तक राशि नहीं मिल पाई है। इसकी मुख्य वजह आधार और बैंक खाते से जुड़ी गड़बड़ियां बताई जा रही हैं। जीविका की ओर से इन मामलों की जांच की जा रही है और सुधार होते ही राशि जारी करने की बात कही गई है।
इस बीच एक और मामला सामने आया है, जहां करीब 400 पुरुषों के खातों में भी यह राशि चली गई। फिलहाल रिकवरी को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं होने के कारण कार्रवाई रुकी हुई है, लेकिन पूरे मामले की रिपोर्ट तलब कर ली गई है। कुछ मामलों में संबंधित लोगों ने स्वेच्छा से राशि लौटानी भी शुरू कर दी है।
कुल मिलाकर मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना महिलाओं के लिए राहत और अवसर दोनों लेकर आई है, लेकिन साथ ही यह प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता की भी बड़ी परीक्षा बनती जा रही है।







